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क्या आप भी हेल्दी समझकर रोजाना खा रहे हैं फ्लेवर्ड Cereals, तो जान लें इसके नुकसान

ब्रेकफास्ट में फ्लेवर्ड कॉर्नफ्लेक्स या म्यूसली खाकर अगर आप खुद को बहुत ज्यादा हेल्दी समझ रहे हैं तो जान लें इसमें मौजूद एक्स्ट्रा शुगर और ट्रांस फैट आपकी सेहत को फायदे की जगह पहुंचा सकते हैं नुकसान। ये मोटापे के साथ और कई समस्याओं की भी वजह बन सकते हैं। हफ्ते में एक दिन खाने से ज्यादा प्रॉब्लम नहीं लेकिन अगर आप रोजाना इसे खाते हैं तो हो जाएं सावधान।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:15 AM (IST)
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ब्रेकफास्ट में सीरियल्स खाने के फायदे व नुकसान

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Cereals जैसे कॉर्नफ्लेक्स, म्यूसली आदि हेल्थ कॉन्शियस लोगों के ब्रेकफास्ट की पहली पसंद बन चुके हैं। डिमांड को देखते हुए अब मार्केट में इनके इतने सारे फ्लेवर्स आ रहे हैं कि लोग इन्हें खुशी से अपनी ब्रेकफास्ट का हिस्सा बना रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टेस्टी लगने वाले इन सीरियल्स के जरिए आपकी बॉडी को फैट और एक्स्ट्रा शुगर भी मिल रही है?

ऑफिस गोइंग लोगों को कॉर्नफ्लेक्स और सीरियल्स खाना बेहतर और आसान ऑप्शन लगता है और नो डाउट है भी, लेकिन इसे रोजाना खाने की आदत बना लेना सही नहीं। रेडीमेड चीज़ों में एक्स्ट्रा शुगर और प्रिजर्वेटिव्स शामिल होते हैं, जो हेल्थ के मद्देनजर सही नहीं होते। कॉर्नफ्लेक्स में इतनी ज्यादा चीनी होती है कि इसे दूध में डालने के बाद आपको और चीनी डालने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर आप बच्चों को भी हेल्थ का वास्ता देकर चॉकलेट फ्लेवर वाला कॉर्नफ्लेक्स खिलाती हैं, तो जान लें इसमें सिवाय कैलोरी के और कुछ नहीं होता। जो उनमें मोटापे के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी और कई बीमारियों की वजह बन सकता है। इसके साथ ही अतिरिक्त शुगर भी कॉम्प्लीमेंट के रूप में आपको मिल रही है। बॉडी को एनर्जी के लिए जितनी शुगर की जरूरत होती है, उसकी आवश्यकता आप फलों के जरिए आसानी से पूरा कर सकते हैं।

सीरियल्स खरीदते और खाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान 

1. हाई फाइबर और ब्रैन वाले सीरियल्स ही खरीदें। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स नॉर्मल कॉर्नफ्लेक्स के मुकाबले कम होता है। साथ ही हाई फाइबर से भरपूर सीरियल्स खाने से वजन भी नहीं बढ़ता।

2. प्रोसेस्ड और फ्लेवर्ड सीरियल्स को हफ्ते में एक बार से ज्यादा न खाएं।

3. खाने से जुड़े कोई भी आइटम्स खरीदते वक्त उसका न्यूट्रिशनल वैल्यू जरूर चेक करें कि इसमें कार्ब्स, कैलोरीज़, एनर्जी और प्रोटीन की कितनी मात्रा शामिल है। एडेड शुगर पर तो खासतौर से नजर रखें।

4. न्यूट्रिशन कंटेंट पढ़ते समय ट्रांस फैट की मात्रा भी देखें। जरूरी नहीं जीरो ट्रांस फैट वाली चीज़ों में फैट हो ही ना, इसमें भी कुछ मात्रा में फैट होता ही है और ये शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।

फिट रहने का फॉर्मूला है बैलेंस डाइट। मतलब उन चीज़ों को लिस्ट बनाएं जिसमें विटामिन्स से लेकर प्रोटीन और जरूरी मिनरल्स शामिल होते हैं। फिर इनसे तरह-तरह की डिशेज बनाएं-खाएं और रहें चुस्त-दुरुस्त हमेशा। मौसमी फलों और सब्जियों को डाइट में जरूर शामिल करें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Pic credit- freepik