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ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी से हो सकते हैं शरीर को ये 4 नुकसान

विटामिन-डी सप्लीमेंट बेहद आम है और खाने में सुरक्षित भी माना जाता है। इस सप्लीमेंट से शरीर में विषाक्तता पैदा होने की संभावना बेहद कम होती है। हालांकि कुछ चिकित्सीय स्थितियों वाले लोग विटामिन डी विषाक्तता के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Tue, 21 Dec 2021 11:11 AM (IST)
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ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी से हो सकते हैं शरीर को ये 4 नुकसान
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आपका शरीर सही तरीके से काम करता रहे, उसके लिए विटामिन-डी की ज़रूरत पड़ती है। खासतौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली सही तरीके से काम करे इसके लिए विटामिन-डी काम आता है। यह मांसपेशियों की ग्रोथ व विकास और कंकाल प्रणाली के रखरखाव के लिए भी ज़रूरी होता है।

शरीर में विटामिन-डी की कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, हड्डियां कमज़ोर पड़ सकती हैं और कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसकी कमी को पूरा करने के लिए लोग विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का सहारा भी लेते हैं।

विटामिन-डी सप्लीमेंट बेहद आम है और खाने में सुरक्षित भी माना जाता है। इस सप्लीमेंट से शरीर में विषाक्तता पैदा होने की संभावना बेहद कम होती है। हालांकि, कुछ चिकित्सीय स्थितियों वाले लोग विटामिन डी विषाक्तता के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी का सेवन भी विषाक्तता पैदा करने का कारण बनता है।

विटामिन-डी से शरीर में हो रही है विषाक्तता तो दिखेंगे ऐसे लक्षण:

विटामिन-डी के बढ़े हुए स्तर का क्या मतलब है?

30-60 एनजी/एमएल शरीर में विटामिन डी का इष्टतम स्तर माना जाता है। जब यह स्तर 100ng/mL से ज़्यादा हो जाता है, तब शरीर में विषाक्तता पैदा हो जाती है। ग़लत ख़ुराक लेने से ऐसा हो सकता है। इसलिए हमेशा किसी भी विटामिन को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर करें।

बढ़ा हुआ ब्लड कैल्शियम स्तर

क्योंकि विटामिन-डी आपके खाने के लिए कैल्शियम को अवशोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए विटामिन-डी के उच्च स्तर से शरीर में कैल्शियम का स्तर अपने आप बढ़ जाता है। शरीर में कैल्शियम की सीमा बढ़ने से मतली, कब्ज और पेट दर्द जैसी पाचन से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अन्य लक्षणों में चक्कर आना, मतिभ्रम, अत्यधिक पेशाब, भूख न लगना, गुर्दे की पथरी, उच्च रक्तचाप, डिहाइड्रेशन और दिल से संबंधी असामान्यताएं शामिल हैं। हाइपर कैल्सीमिया जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए तुरंत ध्यान दिया ज़रूरी है।

मानसिक स्थिति बदलना

क्योंकि हाइपर कैल्सीमिया विटामिन-डी के उच्च स्तर के कारण होता है, इसलिए यह एक परिवर्तित मानसिक स्थिति को जन्म दे सकता है जिसमें भ्रम, मनोविकृति और अवसाद जैसी समस्याएं शामिल हैं। अगर आप इस तरह के लक्षण महसूस करें, तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

किडनी से जुड़ी दिक्कतें

विटामिन-डी विषाक्तता गुर्दे की चोट या कभी-कभी विफलता का कारण भी बन सकती है। क्योंकि विटामिन-डी के उच्च स्तर की वजह से कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है, इससे अधिक पेशाब और गुर्दे के कैल्सीफिकेशन के कारण पानी की कमी हो जाती है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण

मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त और खराब भूख जैसे लक्षण हाइपरलकसीमिया के परिणाम हैं और ये लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग भी हो सकते हैं।

जठरांत्र संबंधी लक्षणों का होना एक संभावित विटामिन-डी विषाक्तता का संकेत भी है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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