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क्या आप भी Plastic Tiffin का करते हैं इस्तेमाल? तो जान लें इससे होने वाले सभी नुकसान

आजकल कई लोग स्टील और तांबे के बर्तनों को छोड़ प्लास्टिक की चीजें अपना रहे हैं। घर से लेकर बाजार या आफिस तक प्लास्टिक हर जगह है। लेकिन इस केमिकल से बनाए जाने वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। प्लास्टिक के टिफिन में रखे जाने वाला खाना खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।

By Divya Juyal Edited By: Divya Juyal Updated: Wed, 29 May 2024 06:30 PM (IST)
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प्लास्टिक का टिफिन और बोतल इस्तेमाल करने के होते हैं ये नुकसान। (Image Credit - Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोजमर्रा की जिंगदी में लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल के ऊपर बहुत ज्यादा निर्भर हो चुके हैं। पानी पीने वाली बोतल से लेकर खाना पैक करने वाले डब्बों तक, प्लास्टिक हर जगह है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल सेहत के साथ-साथ प्रकृती को भी कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

प्लास्टिक केमिकल से बनाया जाता है और इसमें रखे जाने वाले फूड आइटम या पानी भी इसके संपर्क में आकर दूषित और टॉक्सिक हो सकते हैं। प्लास्टिक का रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक माना जाता है। आइए जानते हैं प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले सभी नुकसानों के बारे में।

प्लास्टिक टिफिन के इस्तेमाल से सेहत को होते हैं ये नुकसान

- बीपीए (Bisphenol) कई प्लास्टिक प्रोडक्ट्स में पाया जाने वाला केमिकल है जो हार्मोनल इंबैलेंस, रिप्रोडक्टिव हेल्थ और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

- प्लास्टिक में फथैलेट्स (PHTHALATES) नाम का केमिकल भी पाया जाता है, जो प्लास्टिक को लचीला बनाता है, लेकिन यह भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर बच्चों के लिए।

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- प्लास्टिक के टिफिन या बोतलों में गर्म खाना या पानी रखने से प्लास्टिक के केमिकल खाने में मिल सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक के ज्यादा इस्तेमाल से यह टूटने लगते हैं और माइक्रोप्लास्टिक कण बनते हैं, जो खाने और पानी में मिल सकते हैं और हमारे शरीर में जाकर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

- प्लास्टिक के टिफिन ज्यादा समय तक इस्तेमाल नहीं किए जा सकते। ये जल्द ही घिस जाते हैं या खराब हो जाते हैं। जिस कारण उन्हें कचरे में फेंक दिया जाता है। प्लास्टिक के कचरे का सही ढंग से निपटान नहीं होने पर यह पर्यावरण में फैल जाता है, जिससे पानी और हवा में प्रदूशण होता है। यह प्रदूशण किसी ना किसी तरह शरीर तक पहुंचता है और सेहत को कई नुकसान पहुंचा सकता है।

- प्लास्टिक के टिफिन और बोतलें समय के साथ खाने और पानी में अजीब स्वाद और गंध पैदा कर सकती हैं, जिससे खाना खराब हो सकता है।

प्लास्टिक का कम इस्तेमाल कैसे करें

- प्लास्टिक के टिफिन को इस्तेमाल करने के बजाय स्टील या ग्लास के टिफिन का इस्तेमाल करें।

- प्लास्टिक की बोतल में पानी न पिएं, जब हो सके तब गिलास में पानी लेकर पिएं।

- हमेशा अपने पास एक कप या कंटेनर रखें, जिसमें आप अपना खाना रखकर खा पाएं।

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- घर से अपनी स्टील या तांबे की बोतल में पानी लेकर चलें और बाजार का प्लास्टिक वाला पानी न लें।