हरदम सिर में भारीपन और बंद नाक हो सकती है साइनोसाइटिस की समस्या, जानें इसके लक्षण और वजहें
सर्दी हो या गर्मी हमेशा रहते हैं बंद नाक और सिरदर्द से परेशान तो न करें इसकी अनदेखी क्योंकि ये साइनोसाइटिस की समस्या है जानें इसके बारे में..
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 07:29 AM (IST)
बंद नाक से रहते हैं अक्सर परेशान, तो हर बार ये सर्दी-जुकाम नहीं बल्कि श्वसन-तंत्र से संबंधित बीमारी साइनोसाइटिस का भी लक्षण हो सकता है। हमारे आसपास कई ऐसे लोग मिल जाते हैं जो अक्सर सिर में भारीपन और बंद नाक की शिकायत करते रहते हैं। तो ऐसे लोग दरअसल साइनोसाइटिस यानी साइनस की समस्या से परेशान रहते हैं।
जानें क्या है साइनोसाइटिसवजह और उपचार जानने से पहले इस समस्या के बारे में जानना जरूरी है। सिर के स्कैल्प (खोपड़ी) की हडिड्यों में अनगिनत बारीक छिद्र होते हैं, जिससे होकर ऑक्सीजन ब्रेन तक पहुंचता है। सर्दी-ज़ुकाम होने की स्थिति में इन छिद्रों में कफ भर जाता है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और सिर में भारीपन महसूस होता है। इसी अवस्था को साइनोसाइटिस कहा जाता है।
कुछ लोगों को ज़ुकाम बहुत कम होता है या एक-दो दिनों के भीतर ही रनिंग नोज़ को समस्या दूर हो जाती है। ऐसे में लोगों की नाक से गंदगी बाहर नहीं निकल पाती और धीरे-धीरे यही कफ साइनस की वजह बन जाता है। इसलिए सर्दी-ज़ुकाम की शुरुआत होते ही, कभी भी उसे दवा से रोकने की कोशिश न करें वरना, इससे साइनस हो सकता है।
साइनस के अलग-अलग रूप
सांस लेने में तकलीफ और नाक का बंद होना आदि साइनोसाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा कारणों और लक्षणों की तीव्रता के आधार पर इसे कुछ अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं, इसके विभिन्न रूपों के बारे में...एक्यूट: इसमें सर्दी-ज़ुकाम के लक्षण नज़र आते हैं। लगातार नाक से पानी बहना या अचानक नाक बंद हो जाना जैसे दोनों ही लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई बार यह समस्या महीनों तक बनी रहती है। बैक्टीरियल इन्फेक्शन इसकी प्रमुख वजह है। यह संक्रमण लोगों की सांस की नली के ऊपरी हिस्से में हो जाता है और इसे दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स और नेज़ल ड्रॉप्स लेने की ज़रूरत पड़ती है। ऐसी समस्या होने पर ज्य़ादा से जयादा पानी पीना और स्टीम लेना फायदेमंद होता है।
सब-एक्यूट साइनस: इसके सारे लक्षण एक्यूट साइनस की ही तरह होते हैं। लगभग महीने-दो महीने में इसके लक्षण दूर हो जाते हैं।रीक्यूरेंट: जिन लोगों को पहले से ही एस्थमा या एलर्जी की समस्या होती है, साथ ही अगर उनकी नाक भी बंद हो तो ऐसी अवस्था को रीक्यूरेंट साइनस कहा जाता है।क्रॉनिक: जब यह समस्या वर्षों तक ठीक नहीं होती और इससे नाक में जलन, दर्द और सूजन की समस्या होती है तो इसे क्रॉनिक साइनोसाइटिस कहा जाता है। ऐसा होने पर पीडि़त व्यक्ति के सिर में दर्द और व्यवहार में चिड़चिड़ापन बना रहता है।
प्रमुख लक्षणचाहे साइनस का कोई भी रूप हो, इसके कुछ सामान्य लक्षण सभी मरीज़ों में नज़र आते हैं, जो इस प्रकार हैं:1. सिर और आंखों में तेज़ दर्द2. आवाज़ में भारीपन3. हलका बुखार और बेचैनी4. जबड़े, गालों और दांतों में दर्द5. सूंघने की क्षमता प्रभावित होना
6. भोजन में अरुचि7. नाक से पानी गिरना और छींकें आनावजहें1. नाक की हड्डी की संरचना में जन्मजात गड़बड़ी, कुछ लोगों में नाक की हड्डी का आकार अपने आप भी बढ़ जाता है।2. चेहरे या नाक पर गंभीर चोट लगना।3. जो लोग किसी एलर्जी के प्रति संवेदनशील होते हैं, उनमें साइनस होने की आशंका अधिक होती है।
4. प्रदूषण भरे वातावरण में रहने या ज्य़ादा स्मोकिंग करने वाले लोगों को भी ऐसी समस्या हो जाती है।