बांझपन का कारण बनती है HPV Vaccine! जानें सर्वाइकल कैंसर के टीके से जुड़े ऐसे ही आम मिथक और उनकी सच्चाई
सर्वाइकल कैंसर दुनियाभर में एक गंभीर समस्या बनी हुई है। यह पूरी दुनिया की कई महिलाओं को प्रभावित करती है और यह कैंसर से होने वाली महिलाओं की मौत का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। ऐसे में इससे बचाव के लिए HPV Vaccine सबसे असरदार तरीका है। हालांकि इसे लेकर कई लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। ऐसे में जानते हैं इससे जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई-
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में होने वाली महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक घातक बीमारी है। यह कैंसर से होने वाली महिलाओं की मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। हालांकि, आज भी इसे लेकर कई महिलाओं में जागरूकता की कमी है, जिसकी वजह से उन्हें जान तक गंवानी पड़ती है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल जनवरी में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन (HPV Vaccine) सबसे कारगर तरीका है। हालांकि, इसे लेकर भी काफी कम लोगों को ही सही जानकारी है। इसे लेकर आज भी कई ऐसे मिथक फैले हुए हैं, जिसकी सही जानकारी न होने पर अक्सर काफी नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में आप इस आर्टिकल में हम आपको एचपीवी वैक्सीन से जुड़े कुछ ऐसे ही आम मिथक और इनकी सच्चाई बताएंगे।
यह भी पढ़ें- Cervical Cancer से बचने का कारगर तरीका है एचपीवी वैक्सीन, जानें इसके बारे में वह सबकुछ जो जानना जरूरी है
मिथक 1ः आप 12 वर्ष की आयु के बाद एचपीवी वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं।
फैक्टः चाहे आप पहले ही इसके संपर्क में आ चुके हों या नहीं, किशोरावस्था के बाद भी वैक्सीन लगाई जा सकती है। हालांकि, अगर आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो यह उतना असरदार नहीं हो सकता है, लेकिन फिर भी काफी हद तक मदद कर सकता है।
मिथक 2ः अगर आप पहले ही संक्रमित हो चुके हैं, तो एचपीवी वैक्सीन नहीं लगवा लगते।
फैक्टः अगर पहले से ही एचपीवी से संक्रमित हैं, तो वैक्सीन अभी भी इस वायरस ऐसे स्ट्रेन से आपकी सुरक्षा कर सकती है, जिनके प्रति आप संवेदनशील हैं। एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार हैं ,जिनमें से नौ सबसे प्रमुख स्ट्रेन से वैक्सीन बचाव करती है।मिथक 3ः एचपीवी वैक्सीन सिर्फ लड़कियों को बचाती है।
फैक्टः यह धारणा पूरी तरह से गलत है। पुरुष हो या महिला कोई भी यौन गतिविधि के जरिए एचपीवी से संक्रमित हो सकता है और दोनों में से कोई भी इस वायरस को फैला सकते हैं। ऐसे में दोनों को एचपीवी वैक्सीन लगाने से सुरक्षा दोगुनी हो जाती है।