Low Salt Diet: ज्यादा ही नहीं कम नमक भी पहुंचा सकता है गंभीर नुकसान, जानें लो-सोडियम डाइट के साइड इफेक्ट्स
Low Salt Diet ज्यादा नमक खाने के नुकसान के बारे में तो सभी जानते ही हैं लेकिन इसकी कम मात्रा भी शरीर में हानिकारक प्रभाव डाल सकती है। इन दिनों युवाओं में कम नमक वाले आहार का चलन बढ़ रहा है। हालांकि यह शरीर में नमक की बेहद कम मात्रा कई समस्याओं की वजह बन सकती है। आइए जानते हैं लो-सोडियम डाइट के साइड इफेक्ट्स-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sun, 08 Oct 2023 04:18 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Low Salt Diet: सोडियम हमारी सेहत के लिए काफी जरूरी होता है। हालांकि, इसकी अधिक मात्रा सेहत को कई नुकसान भी पहुंचा सकती है। यही वजह है कि विशेषज्ञ भी सीमित मात्रा में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, रोजाना 5 ग्राम तक नमक खाना सेहत के लिए सामान्य है, हालांकि, इससे ज्यादा या कम हमें नुकसान पहुंचा सकता है।
जिस तरह ज्यादा नमक सेहत के लिए हानिकारक है, उसी तरह इसकी कम मात्रा भी कई समस्याओं का शिकार बना सकती है। हाल ही में फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने अभिनेत्री और पत्नी श्रीदेवी की मौत के पांच साल बाद एक खुलासा किया। उन्होंने बताया कि एक्ट्रेस अच्छा दिखने के लिए कम नमक वाली डाइट फॉलो कर रही थी, जिसकी वजह से उन्हें ब्लैकआउट का अनुभव होता था। शरीर में नमक यानी सोडियम की कमी अन्य कई समस्याएं भी होती है, आइए जानते हैं-
हाइपोटेंशन
शरीर में सोडियम का कम लेवल लो ब्लड प्रेशर की वजह बन सकता है। इस स्थिति को हाइपोटेंशन के रूप में जाना जाता है। हाइपोटेंशन का शिकार होने पर व्यक्ति को चक्कर आना, बेहोशी और ब्लर विजन जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। क्रोनिक हाइपोटेंशन के कारण शरीर के जरूर अंगों में अपर्याप्त रक्त प्रवाह हो सकता है, जिससे समय के साथ नुकसान हो सकता है।यह भी पढ़ें- मुंहासों की वजह बन सकते हैं ये फूड आइटम्स, बेदाग त्वचा के लिए आज ही बनाएं इनसे दूरी
हाइपोनेट्रेमिया
यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें खून में सोडियम का लेवल खतरनाक रूप से कम हो जाता है। इसके लक्षणों मतली और सिरदर्द से लेकर इल्यूजन और दौरे तक हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, हाइपोनेट्रेमिया जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है।इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
बहुत कम सोडियम खाने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है। इससे मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी और यहां तक कि अनियमित दिल की धड़कन भी हो सकती है। यह एथलीट्स और हेवी फिजिकल एक्टिविटी करने वाले लोगों के लिए खासतौर पर खतरनाक हो सकता है।