बढ़ती उम्र में रखना है Heart Health का ख्याल, तो 40 के बाद जरूर कराएं ये 5 टेस्ट
सेहतमंद रहने के लिए दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इन दिनों कई वजहों से हमारा दिल बीमारियों का शिकार बनता जा रहा है। ऐसे में कुछ जरूरी है कि Heart Health का खास ख्याल रखा जाए। खासकर 40 साल की उम्र के बाद इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसे में जानते हैं 40 के बाद सेहत के लिए जरूरी कुछ टेस्ट के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कम उम्र में तेजी से दौड़ना-भागना या फिर रेस लगाना कितना अच्छा लगता है, लेकिन 40 के बाद अगर हम बहुत तेजी से दौड़ना या फिर भागना चाहें तो ऐसा करने में परेशानी महसूस होती है। ऐसे इसलिए क्योंकि अब हम में पहले जितनी एनर्जी और स्ट्रेंथ नहीं होती। इस उम्र में कई बार जब हम दौड़ते हैं, तो अपना सारा एफर्ट लगा देते हैं, लेकिन जब रुकते हैं, तो बहुत जोर-जोर से हांफने लगते हैं।
कई बार ऐसे ही चलते हुए या फिर सीढियां चढ़ने और उतरने पर भी अगर आप हांफने लगते हैं, तो ये आपके हार्ट हेल्थ की कमजोरी को दर्शाता है। कई बार मोटापे की वजह से भी हम हांफते हैं, लेकिन मोटापा भी तो हार्ट हेल्थ को ही प्राभावित करता है। ऐसे में हमें 40 के बाद खुद के हार्ट हेल्थ के लिए डॉक्टर से इन पांच टेस्ट को जरूर कराना चाहिए और अपने हार्ट हेल्थ को मजबूत बनाए रखना चाहिए।यह भी पढ़ें- गर्मियों में Dehydration का शिकार बना सकते हैं ये फूड आइटम्स, हेल्दी रहने के लिए आज ही बनाएं इनसे दूरी
इकोकार्डियोग्राम
हार्ट वाल्व के फंक्शन और दिल की धड़कन की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम टेस्ट किया जाता है। ये परीक्षण तब होता है, जब आपकी हार्टबीट तेज हो, जैसे एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद। इस टेस्ट में डॉक्टर साउंड वेब की मदद से आपके हार्टबीट किस तरह से हो रही है और साथ ही ब्लड किस तरह मूव कर रहा है, इसका पता लगाते हैं।
ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट
इस टेस्ट के द्वारा खून में शुगर की मात्रा की जानकारी ली जाती है। डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के लिए ये टेस्ट बेहद जरूरी होता है।इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
ये टेस्ट हार्ट बीट में होने वाले बदलाव को मॉनिटर कर हार्ट अटैक की जांच के लिए किया जाता है।