Sleep Apnea: नींद में खलल बना सकती है आपके दिल को बीमार, एक्सपर्ट से जानें इसके हानिकारक प्रभाव
स्लीप एपनिया एक स्लीपिंग डिसऑर्डर है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। इस कंडिशन में रात को सोते समय सांस लेने में तकलीफ होती है और बार-बार नींद टूटती रहती है। यह न केवल नींद की गुणवत्ता बल्कि दिल की सेहत भी बिगाड़ सकता है। इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमने कुछ एक्सपर्ट से बात की। जानें इस बारे में उनका क्या कहना है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Sleep Apnea and Heart: स्लीप एपनिया एक गंभीर स्लीपिंग डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस बार-बार रुकने लगती है। इस कारण रातभर व्यक्ति की नींद में बार-बार टूटती रहती है। यह दो प्रकार का होता है। Obstructive Sleep Apnea, जिसमें व्यक्ति का एयरवे ब्लॉक होने लगता है, जिस कारण से सांस लेने में तकलीफ होती है। दूसरा प्रकार होता है Central Apnea, जिसमें व्यक्ति का दिमाग सांस लेने की प्रक्रिया को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता है।
सांस लेने में बाधा होने की वजह से व्यक्ति बार-बार नींद से जागता रहता है, जिस कारण, वह दिनभर थका हुआ महसूस करता है। लेकिन इस वजह से होने वाली परेशानियां बस यहीं खत्म नहीं होती हैं। स्लीप एपनिया की वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमने कुछ एक्सपर्ट से बात की, जिन्होंने यह बताया कि स्लीप एपनिया की वजह से कैसे दिल की सेहत प्रभावित हो सकती है।
मैरिंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम, में पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन एक्सपर्ट, डॉ. प्रतिभा डोगरा ने बताया कि स्लीप एपनिया का सबसे आम लक्षण है खर्राटे लेना। नींद में खर्राटे लेने का मतलब है कि आपकी सांस या तो रुक रही है या पूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। इस कारण नींद पूरी नहीं होती और शरीर के कई अंग, जैसे दिल और दिमाग प्रभावित होते हैं।
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स्लीप एपनिया का इलाज नहीं है
डॉ. डोगरा ने बताया कि स्लीप एपनिया के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए इससे जुड़े कई हानितकारक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस बीमारी की वजह से व्यक्ति की नींद पूरी नहीं हो पाती है और दिनभर थकान व रोजमर्रा के काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।स्लीप एपनिया के कारण होने वाली बीमारियां
उन्होंने बताया कि स्लीप एपनिया की वजह से हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही, इसके कारण डिप्रेशन, एंग्जायटी, क्लॉस्ट्रोफोबिया जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।स्लीप एपनिया की वजह से दिल पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस बारे में एसएएओएल (SAAOL) हार्ट सेंटर के निदेषक और एम्स के पूर्व कंसल्टेंट डॉ. बिमल छाजर ने बताया कि स्लीप एपनिया, दिल को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। इस कारण अनियमित धड़कने, हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है।