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मोबाइल Addiction से कम उम्र में ही बच्चे हो रहे हैं सर्वाइकल पेन का शिकार, दिखें ये लक्षण तो हो जाएं अलर्ट

मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों में कई तरह की परेशानियों की वजह बन रहा है जिसमें से एक सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) है। समय रहते अगर इसे ठीक करने पर ध्यान न दिया जाए तो बढ़ती उम्र के साथ ये और गंभीर हो सकता है। अगर आपका बच्चा भी करता है सिरदर्द पीठदर्द की शिकायत तो इग्नोर करने के बजाय हो जाएं अलर्ट।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Sun, 19 May 2024 08:20 AM (IST)
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मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल बन सकता है सर्वाइकल पेन की वजह (Pic credit- freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में स्मार्टफोन और लैपटॉप का इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। गैजेट्स ने जहां कई मामलों में लाइफ को आसान बनाने का काम किया है, तो वहीं दूसरी तरफ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है खासतौर से बच्चों में। अगर आप भी अपने बच्चों से पीछा छुड़ाने या उन्हें इंगेज रखने के लिए स्मार्टफोन या लैपटॉप थमा देते हैं, तो जाने-अंजाने में आप उन्हें कई सारी सेहत संबंधी समस्याओं की ओर धकेल रहे हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ और गंभीर होते जाती हैं। अगर आपका बच्चा भी दिनभर मोबाइल में गेम खेलता है या कार्टून देखता है, तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। 

मोबाइल का इस्तेमाल बन सकता है सर्वाइकल की वजह

मोबाइल एडिक्शन से बच्चों को होने वाली बीमारियां महामारी का रूप लेती जा रही हैं। जिसमें से एक सर्वाइकल पेन है। पहले जहां 50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों में सर्वाइकल पेन की प्रॉब्लम देखने को मिलती थी, वहीं लाइफस्टाइल में बदलाव के बाद से यह यूथ और बच्चों में भी देखने को मिल रही है।

एक पोजीशन में बैठे रहना है खराब

बच्चे मोबाइल यूज करते वक्त बैठने की पोजीशन पर ध्यान नहीं देते हैं। घंटों तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं। जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ता है। इससे लिगामेंट स्प्रेन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में मसल्स हार्ड होने लगती है और डिस्क में परेशानी भी हो सकती है।

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गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों में हो रही बीमारियां

  • आंखों की रोशनी कमजोर होना
  • मायोपिया बीमारी
  • ओवर वेट की प्रॉब्लम
  • ऑटिज्म, सोचने व बोलने की क्षमता कम होना
  • सर्वाइकल पेन
  • जन्म के बाद नॉर्मल बच्चों के मुकाबले देर से बोलना

यह लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट

  • बच्चा हमेशा थका हुआ महसूस करता हो
  • सिर दर्द की शिकायत करता हो
  • पीठ में दर्द से परेशान रहता हो
  • मूड चिड़चिड़ा और एग्रेसिव बिहेवियर
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