Smoking and Brain Shrinkage: फेफड़े ही नहीं दिमाग के लिए भी हानिकारक है स्मोकिंग, जानें क्या कहती है ताजा स्टडी
एक स्टडी में पाया गया है कि स्मोकिंग की वजह से आपके दिमाग का वॉल्यूम कम हो सकता है। यह आपके दिमाग के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग न करना ही आपकी सेहत के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में और कैसे कर सकते हैं इससे होने वाले नुकसान से बचाव।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 01:37 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Smoking and Brain Shrinkage: स्मोकिंग की वजह से होने वाले नुकसानों के बारे में आप जानते ही होंगे। यह आपके फेफड़ों के लिए इतना घातक होता है कि इसकी वजह से लंग कैंसर भी हो सकता है। लेकिन, इससे होने वाली हानियों की लिस्ट काफी लंबी है, जिनमें एक स्टडी के मुताबिक आपका दिमाग भी शामिल है। हाल ही में, जर्नल बायोलॉजिक साइकेट्री: ग्लोबल ओपन साइंस में आई एक स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग की वजह से आपके दिमाग का वॉल्यूम कम हो सकता है यानी सिकुड़ सकता है। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ दिमाग का वॉल्यूम कम होना सामान्य बात है, लेकिन स्मोक करने की वजह से आपके दिमाग और जल्दी सिकुड़ने लगता है, जिस कारण से उसका साइज छोटा होता जाता है।
अभी तक स्मोकिंग को आपके फेफड़ों और दिल के लिए हानिकारक माना जाता था, लेकिन इस स्टडी की मदद से यह समझा जा सकता है कि यह आपके दिमाग के लिए भी उतना ही खतरनाकर है। इस वजह से होने वाले डैमेज को ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिए स्मोकिंग छोड़ने के बाद आप नुकसान को बढ़ने से रोक सकते हैं, लेकिन जो डैमेज हो चुका है, उसे ठीक नहीं कर सकते।
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इस स्टडी के लिए यूके के बायोबैंक से 32,094 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि जेनेटिक्स, स्मोकिंग हिस्ट्री और ब्रेन वॉल्यूम तीनों का आपस में संबंध है। इस स्टडी के अनुसार, एक व्यक्ति जितनी सिग्रेट पीता है, उसके दिमाग का वॉल्यूम कम होता जाता है। इस कारण से डिमेंशिया का खतरा उतना अधिक बढ़ता जाता है। हालांकि, बढ़ती उम्र और स्मोकिंग दोनों ही डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर्स हैं, लेकिन स्मोकिंग की वजह से दिमाग का वॉल्यूम कम होने की प्रक्रिया अधिक तेज हो जाती है। इसलिए स्मोकिंग छोड़ना डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए बहुत जरूरी है।
हालांकि, डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए स्मोकिंग के खतरे को कम करने के साथ और भी कई सावधानियां बरती जा सकती हैं।
- एक्टिव लाइफस्टाइल- एक्सरसाइज करने से डिमेंशिया के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए रोज एक्सरसाइज जरूर करें। एक ही जगह बहुत समय तक बैठे रहने की वजह से डिमेंशिया का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। इसलिए एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।
- हेल्दी डाइट- डिमेंशिया से बचाव में प्लांट बेस्ड फूड आइटम्स मददगार हो सकते हैं। इसलिए अधिक प्रोसेस्ड फूड आइटम्स न खाएं और हरी सब्जियां, फल आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।
- दिमाग को एक्टिव रखें- कई ऐसी एक्टिविटीज होती हैं, जो आपके दिमाग को एक्टिव रखने में मदद कर सकते हैं। ब्रेन टीजर, सुडोकू, चेस आदि जैसे गेम्स की मदद से आप अपने दिमाग को एक्टिव रख सकते हैं।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik
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