Study: 2050 तक हो सकती है Stroke के कारण 10 मिलियन मौतें, जानें क्या है इससे बचाव के तरीके
एक स्टडी के मुताबिक 2050 तक कम इन्कम वाले देशों में स्ट्रोक के कारण 10 मिलियन मौतें हो सकती हैं। इस स्टडी को चेतावनी मानकर हम खुद को इस आने वाले खतरे से बचाने की तैयारी कर सकते हैं। इसलिए इस बारे में सतर्क और जागरूक दोनों होने की जरूरत है। जानें क्या है स्ट्रोक क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Wed, 11 Oct 2023 11:21 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Stroke: लांसेट न्यूरोलॉजी कमिशन की एक स्टडी के अनुसार लो और मिड इन्कम वाले देशों में साल 2050 तक स्ट्रोक के कारण हर साल 10 मिलियन मृत्यु होने की संभावना है। यह स्टडी बहुत ही गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर रही है। इसलिए जरूरी है कि लोगों में स्ट्रोक के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हो। आइए जानते हैं कि क्या होता है स्ट्र्रोक, क्या होते हैं इसके लक्षण, रिस्क फैक्टर और कैसे कर सकते हैं बचाव।
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क्या है स्ट्रोक?
स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें दिमाग के सेल्स तक ब्लड सप्लाई होना बंद हो जाता है, जिसके कारण उन तक ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाती और सेल्स मरने लगते हैं। ऑक्सिजन न पहुंचने के पीछे का कारण दिमाग में ब्लीडिंग या फिर किसी आर्टरी का ब्लॉक होना हो सकता है। इन दोनों ही परिस्थितियों में दिमाग के सेल्स तक ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाती। इस कंडिशन में तुरंत एक्शन लेने की जरूरत होती है, नहीं तो ब्रेन डैमेज के कारण जान जाने की संभावना बढ़ जाती है।क्या हैं इसके लक्षण?
- पैरालिसिस
- अचानक बैलेंस खोना
- एक या दोनों आंखों से दिखना बंद हो जाना
- मितली या उल्टी आना
- कन्फ्यूजन
- बेहोश होना
- चलने में तकलीफ होना
- बोलने में तकलीफ होना
- सिरदर्द
- शरीर के हिस्से में कमजोरी होना
इसके अलावा मायो क्लीनिक के अनुसार, इनमें से कोई लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- मरीज को हंसने के लिए कहें। अगर हंसते वक्त उसके चेहरे का एक हिस्सा लटका हुआ लगे।
- उन्हें दोनों हाथ उठाने के लिए कहें और अगर हाथ उठाने में तकलीफ हो तो या एक हाथ न उठा पाएं।
- मरीज को कुछ आसान से शब्द बोलने को कहें और अगर बोलने में तकलीफ हो या जुबान लड़खड़ाए।
क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर?
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- डायबिटीज
- स्लीप एपनिया
- स्मोकिंग
- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
- मोटापा
- मिरगी (माइग्रेन)
- शराब या ड्रग्स का इस्तेमाल
- बर्थ कंट्रोल पिल्स या हार्मोन थेरेपी
- उम्र ( 55 या उससे अधिक )
- लिंग (पुरुषों में अधिक संभावना होती है)
कैसे करें बचाव?
वजन कंट्रोल करें- अधिक वजन होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इससे दिल की बीमारियां और बीपी की समस्या भी हो सकती है, जो स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा देता है। इसलिए संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज करें।
स्मोकिंग न करें- स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग दोनों ही स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है, इसलिए इससे दूर रहें।कोलेस्ट्रॉल कम करें- आर्टरी में ब्लॉकेज का सबसे बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल होता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल कम करें। ऐसा खाना खाएं जिससे गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़े और बैड कोलेस्ट्रॉल कम हो। इसके साथ ही ट्रांस फैट वाले फूड आइटम्स भी न खाएं।डायबिटीज कंट्रोल करें- डायबिटीज खून में शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़ाती है। इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल करें। हेल्दी डाइट अपनाएं और रोज एक्सरसाइज करें।
एक्सरसाइज करें- रोज नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। रनिंग, जॉगिंग, वॉकिंग, एरोबिक एक्सरसाइज, सीढियां चढ़ना ये सभी आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं, दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, मोटापा कम करते हैं और अन्य बीमारियों से भी बचाते हैं।यह भी पढ़ें: दिल की बीमारियों से बचाता है गुड कोलेस्ट्रॉल, इस तरह से बढ़ाएं इसका लेवल
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Picture Courtesy: Freepik