बाल झड़ना और वजन बढ़ना हो सकते हैं थायरॉइड के संकेत, बचने के लिए करें कुछ खास योगासन
थायरॉइड की समस्या आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। इसलिए थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है। सही खान-पान और लाइफस्टाइल के साथ-साथ कुछ योगासन (yoga poses for thyroid) भी थायरॉइड की समस्या से बचने में या उसे कम करने में मदद कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही योगासन के बारे में जानेंगे जो थायरॉइड ग्लैंड के लिए फायदेमंद हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Yoga Poses For Thyroid: थायरॉइड ग्लैंड, तितली के आकार की एक छोटी-सी ग्लैंड है, जो गले के आगे वाले हिस्से में मौजूद होती है। ये ग्लैंड थायरॉइड हार्मोन रिलीज करता है, जो मेटाबॉलिज्म और शरीर के अन्य जरूरी फंक्शन, जैसे- हार्ट बीट, तापमान, फर्टिलिटी, मेंटल एक्टिविटी आदि कंट्रोल करता है। लेकिन जब ये ग्लैंड कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन रिलीज करने लगता है, तो इसे थायरॉइड डिजीज कहा जाता है। वैसे तो ये समस्या किसी के साथ भी हो सकती है, लेकिन महिलाएं इसका आसानी से शिकार हो जाती हैं।
आपको बता दें कि थायरॉइड से जुड़ी समस्या की वजह से बाल झड़ने, वजन बढ़ने, थकान, अनियमित माहवारी जैसे कई लक्षण देखने को मिलते हैं। इसलिए थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखना जरूरी है। इसके लिए आप कुछ योगासनों की मदद ले सकते हैं। योगासन प्राकृतिक तरीके से थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं।
भुजंगासन (कोबरा पोज)
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कैसे करें?
- पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को कंधों के नीचे रखें।
- अपने पेट को जमीन से उठाएं और पीठ को धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकाएं।
- अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और सीधे ऊपर देखें।
- 15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।
भुजंगासन के फायदे
- थायराइड ग्लैंड को एक्टिव बनाता है।
- पीठ को मजबूत करता है।
- पेट के अंगों को मालिश करता है।
धनुरासन (बो पोज)
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कैसे करें?
- पेट के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़कर अपने पैरों को अपने नितंबों की ओर लाएं।
- अपने हाथों से अपने टखनों को पकड़ें और अपने पैरों और छाती को जमीन से उठाएं।
- अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और 15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें।
- फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।
धनुरासन के फायदे
- थायराइड ग्लैंड को एक्टिव बनाता है।
- पीठ और पेट को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
उष्ट्रासन (कैमल पोज)
(Picture Courtesy: Instagram)कैसे करें?
- घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और अपने एड़ियों को पकड़ें।
- अपने धड़ को पीछे की ओर झुकाएं और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- 15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।
उष्ट्रासन के फायदे
- थायराइड ग्लैंड को एक्टिव करता है।
- पीठ को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)
(Picture Courtesy: Instagram)कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़कर अपने पैरों को अपने नितंबों के पास लाएं।
- अपने पैरों को कंधरों की चौड़ाई के बराबर रखें और अपने हाथों को अपने पक्षों में रखें।
- अपने नितंबों को ऊपर उठाएं और अपनी पीठ को जमीन से उठाएं।
- 15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाएं।
सेतुबंधासन के फायदे
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है।
- पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
मत्स्यासन (फिश पोज)
(Picture Courtesy: Instagram)कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को एक साथ रखें।
- अपने हाथों को अपने शरीर के नीचे रखें और अपने कोहनी को जमीन पर रखें।
- अपने सिर को उठाएं और अपनी पीठ को धीरे-धीरे जमीन से उठाएं।
- 15-20 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर पहले वाली पोजीशन में वापस आ जाएं।
मत्स्यासन के फायदे
- थायराइड ग्लैंड को एक्टिव बनाता है।
- पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
- श्वांस प्रणाली में सुधार करता है।