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Insomnia: क्या आपके बच्चे को भी जल्दी नहीं आती है नींद, तो बढ़ सकता है इस बीमारी का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

एक स्टडी के मुताबिक पाया गया है कि बच्चों में नींद न आने की समस्या के पीछे जेनेटिक कारण हो सकते हैं। बच्चों को उनके बेहतर विकास के लिए 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है। ऐसा न हो पाने की वजह से उनके विकास पर बुरा असर पड़ता है। जानें कुछ टिप्स जो बच्चों को बेहतर नींद मिल सके इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Fri, 10 Nov 2023 02:41 PM (IST)
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एक स्टडी में पाया गया बच्चों में होने वाली स्लीप डिस्ऑर्डर की वजह
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Insomnia: हाल ही में जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी और साइकेट्री में आई एक स्टडी में पाया गया कि जिन बच्चों को सोने में परेशानी होती है, जैसे- जल्दी नींद नहीं आना या बार-बार नींद का खुलना, इसके पीछे जेनेटिक कारण हो सकते हैं। इस स्टडी में पाया गया है कि ये लक्षण जीवनभर रह सकते हैं। इस स्टडी में 2,458 बच्चों को शामिल किया गया, जो अनुवांशिक रूप से अनिद्रा के शिकार थे। इसलिए इस समस्या का जल्द से जल्द पता लगाकर इलाज करने की जरूरत है।

बच्चों की नींद पूरी नहीं होने की वजह से उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए बच्चों के लिए 8-10 घंटे की नींद जरूरी होती है। नींद की कमी की वजह से उनमें चिड़चिड़ाहट, रोना और गुस्सा आने की समस्या हो सकती है। लेकिन कुछ बातों का ख्याल रख आप बच्चों को अच्छी नींद लेने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे टिप्स।

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सोने और उठने का फिक्स समय

अपने बच्चों में यह आदत डालने की कोशिश करें कि वे रोज रात को एक निश्चित समय पर सोने जाएं। उनके सुबह उठने का भी एक फिक्सड टाइम डिसाइड करें। ऐसा करने से उनकी बॉडी को, उसी समय पर सोने और जागने की आदत हो जाएगी। कोशिश करें, उनके सोने का समय होने से पहले ही उनके सारे काम हो जाएं ताकि वे शांति से अपने बेडटाइम पर सो सकें। इस समय उन्हें कोई दूसरा काम न करने दें और छुट्टी के दिन भी उनके सोने और उठने का टाइम न बदलें।

रात को फोन न चलाने दें

आज कल स्मार्ट फोन्स और इंटरनेट का इतना बोल-बाला है कि छोटे बच्चे भी इसके प्रभाव से नहीं बचे हैं। अक्सर हम इन्हें कार्टून देखने के लिए या गेम खेलने के लिए फोन दे देते हैं। कोरोना के बाद से तो पढ़ाई भी अब ज्यादातर फोन और लैपटॉप पर ही होती है। कोशिश करें कि रात को उनके सोने से 1-1.5 घंटा पहले उन्हें फोन आदि इस्तेमाल न करने दें। सोने से पहले फोन का इस्तेमाल करने से  ब्रेन एक्टिव ही रहता है और उन्हें जल्दी नींद नहीं आती। इसलिए सोने से पहले टीवी, फोन का इस्तेमाल न करने दें।

Kid Using Phone

एक्टिव रखें

बच्चों में रोज एक्सरसाइज करने की आदत डालें। रोज कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करने से उनकी इम्युनिटी भी मजबूत होगी और उनकी बॉडी भी फिट रहेगी। बच्चों को दिन में एक्टिव रखने के लिए आप उन्हें खेलने के लिए बाहर भेज सकते हैं या वॉक पर लेकर जा सकते हैं। इससे उन्हें रात में अच्छी नींद आएगी। हालांकि, अभी प्रदूषण की वजह से उन्हें घर में ही एक्सरसाइज आदि करवाएं।

Kids Playing

सोने के लिए बेहतर वातावरण दें

आपका बच्चा जहां सोता है, उस जगह का वातावरण कैसा है यह बहुत जरूरी है। गंदी, शोर वाली जगहें या लाइट्स की वजह से सोने में दिक्कत होती है। इसलिए उनके कमरे और बिस्तर को साफ रखें और उनके सोने के समय सारी लाइट्स बंद कर दें और कोशिश करें कि आपके घर में शोर न हो। अपने बच्चों में भी इस बात की आदत डालें कि वे अपने कमरे को साफ रखें।

स्लीप डिस्ऑर्डर पर ध्यान दें

अगर आपके बच्चे में आपको कोई स्लीप डिस्ऑर्डर दिखे, तो उन्हें डॉक्टर के साथ डिस्कस करें। इससे आपके बच्चे को समय पर इलाज मिल पाएगा। साथ ही आगे समस्या और गंभीर न हो इसलिए सावधानी भी बरती जा सकेगी।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।