Stroke: सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं, ब्रेन स्ट्रोक की वजह भी बन सकता है बढ़ता तापमान, स्टडी में सामने आई वजह
स्ट्रोक एक जानलेवा कंडिशन है जो न केवल आपकी लाइफस्टाइल बल्कि प्रतिकूल तापमान की वजह से भी हो सकता है। स्ट्रोक की वजह से हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं और कई लोगों को डिसअबिलिटी का सामना भी करना पड़ता है। एक स्टडी में तापमान और स्ट्रोक के बीच कनेक्शन सामने आया है। जानें क्या कहती है यह ताजा स्टडी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी का मौसम अभी शुरू ही हुआ है कि बढ़ते तापमान (High Temperature) की वजह से ऐसा लग रहा है जैसे आग के गोले बरस रहे हैं। गर्मी का ऐसा प्रकोप कोई मामूली बात नहीं है, जलवायु में परिवर्तन (Climate Change) की वजह से वातावरण में कई ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जिनका हमारे जीवन पर काफी प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है। जलवायु परिवर्तन का हमारे स्वास्थय पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में एक स्टडी सामने आई है। आज हम आपको उस स्टडी के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में जानकर आप बढ़ते तापमान के प्रति और सचेत हो जाएंगे।
क्या कहती है स्टडी?
जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान में हुई बढ़ोतरी की वजह से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है। हाल ही में, जर्नल न्यूरोलॉजी में आई एक स्टडी में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से स्ट्रोक (Stroke) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस अध्ययन के लिए लगभग 204 देशों के तापमान में बदलाव और स्ट्रोक के मामलों के डाटा का अध्ययन किया गया और पाया गया कि स्ट्रोक और प्रतिकुल तापमान का आपस में काफी गहरा संबंध है।
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इस स्टडी के मुताबिक, साल 2019 में स्ट्रोक की वजह से लगभग 5.2 लाख मौते हुई, जिसके पीछे की वजह प्रतिकूल तापमान पाई गई है। हालांकि, प्रतिकूल तापमान की वजह से बढ़े स्ट्रोक के मामले ज्यादातर कम तापमान से जुड़े थे, लेकिन तुलनात्मक रूप से तापमान में बढ़ोतरी की वजह से स्ट्रोक के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। तापमान बढ़ने की वजह से स्ट्रोक के मामले ज्यादातर 10 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में देखने को मिल रहे हैं।
क्यों तापमान बढ़ने की वजह से आ सकता है स्ट्रोक?
स्टडी में पाया गया कि तापमान बहुत अधिक होने या बहुत कम होने की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इसका कारण यूं समझ सकते हैं कि कम तापमान की वजह से ब्लड वेसल्स कंस्ट्रिकट होने लगते हैं, यानी सिकुड़ने लगते हैं, ताकि कम से कम हीट लॉस हो। इस वजह से ब्लड फ्लो में रुकावट होती है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसके कारण स्ट्रोक आ सकता है। ऐसे ही तापमान अधिक होने की वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है, जिस वजह से ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। इन दोनों कारणों से भी स्ट्रोक का रिस्क काफी बढ़ जाता है। इस स्टडी में यह भी पाया गया कि स्ट्रोक का खतरा पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक है।क्या है स्ट्रोक?
स्ट्रोक एक ऐसी कंडिशन है, जिसमें दिमाग तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला, आर्टरी में ब्लॉकेज हो गई है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने या ब्लड प्रेशर अधिक होने की वजह से ब्लड क्लॉट बनने की वजह से हुआ है। दूसरा कारण हो सकता है कि दिमाग में ब्लीडिंग हो रही है, जो किसी चोट या कोई आर्टरी फटने की वजह से हो सकता है।
इन वजहों से दिमाग के प्रभावित हिस्से तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है, जिसके कारण सेल्स को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और वे मरने लगते हैं। वक्त पर मदद न मिलने की वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है या दिमाग का वह हिस्सा स्थायी रूप से डैमेज हो सकता है।यह भी पढ़ें: कम उम्र में नहीं बनना चाहते Diabetes और Heart Disease का शिकार, तो एक्सपर्ट से जानें कैसे करें बचावPicture Courtesy: Freepik