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Type-2 Diabetes के मरीजों को रखना चाहिए अपनी नींद का ख्याल, स्टडी में सामने आया कैसे बन सकती है यह परेशानी की वजह

टाइप-2 डायबिटीज एक बेहद गंभीर बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। शरीर में शुगर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जिसमें Type-2 Diabetes के मरीजों की स्लीप साइकिल (Sleep Duration) कैसे ब्लड वेसल डैमेज के रिस्क को प्रभावित करती है यह जानने की कोशिश की गई है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 15 Jul 2024 12:51 PM (IST)
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Type-2 Diabetes के मरीजों को रखना चाहिए नींद का खास ख्याल (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Type-2 Diabetes and Sleep Duration: डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साल 2014 में 42.2 करोड़ लोगों को डायबिटीज था और साल 2019 डायबिटीज के कारण होने वाली मौतों में 3 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी। आपको बता दें कि डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैनक्रियाज सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाते या सेल्स उनका सही इस्तेमाल नहीं कर पाते, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होने की वजह से धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचने लगता है। डायबिटीज की वजह से होने वाले नुकसानों में ब्लड वेसल डैमेज (Blood Vessel Damage) सबसे प्रमुख है।

क्या पाया गया स्टडी में?

हाल ही में, एक स्टडी में टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के मरीजों की स्लीप साइकिल कैसे ब्लड वेसल्स डैमेज को प्रभावित करती है, इस बारे में जानने की कोशिश की गई। यह स्टडी डेनमार्क में की गई है, जिसमें 396 सहभागियों को शामिल किया गया और पाया गया कि जिन टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की स्लीप साइकिल ज्यादा लंबी या छोटी थी, उनमें माइक्रो ब्लड वेसल डैमेज का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह से भविष्य में उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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कैसे नींद करती है डायबिटीज को प्रभावित?

इस स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों की स्लीप साइकिल लंबी थी या छोटी थी, उनमें ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने का जोखिम तुलानत्मक रूप से काफी बढ़ जाता है। स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों की स्लीप साइकिल छोटी थी, उनमें ब्लड वेसल डैमेज का जोखिम 38 प्रतिशत ज्यादा था और जिनकी स्लीप साइकिल लंबी थी, उनमें 31 प्रतिशत ज्यादा जोखिम था। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपनी नींद का ख्याल रखना चाहिए और सही समय पर सोना और जागना चाहिए। इसके अलावा, नर्व डैमेज को कम करने के लिए टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार कर सकते हैं। आइए जानें कैसे कर सकते हैं डायबिटीज कंट्रोल।

  • हेल्दी डाइट लें- अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स को शामिल करें। फाइबर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में काफी मददगार होता है। इसलिए खाने में साबुत अनाज, हरी मटर, ब्रोकली जैसे फूड्स को शामिल करें।
  • नींद पूरी करें- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी की वजह से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखें।
  • एक्सरसाइज करें- रोज कम से कम 30-45 मिनट एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
  • वजन कम करें- अगर आपका वजन ज्यादा है, तो हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज की मदद से उसे कम करने की कोशिश करें। वजन कम करने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
  • तंबाकू और शराब का सेवन न करें- स्मोकिंग करने या तंबाकू खाने से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है और डायबिटीज न्यूरोपेथी को और बढ़ा देता है। इसलिए तंबाकू से दूर रहें और साथ ही, शराब का सेवन भी न करें।

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