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स्ट्रोक के बाद Depression का शिकार हो सकता है व्यक्ति, इन लक्षणों से पहचान कर जल्द करें इलाज

स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है जो किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति अक्सर कई समस्याओं का शिकार हो जाता है। Post Stroke Depression इन्हीं में से एक है जिसकी सही समय पर पहचान और फिर इलाज करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशर के लक्षण और इलाज के बारे में।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 08 Jun 2024 08:03 AM (IST)
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ऐसे करें पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन की पहचान (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मानव शरीर एक जटिल संरचना है। इसमें पैरों की उंगली से लेकर सिर के बाल तक का कनेक्शन एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। ब्रेन और हार्ट का कनेक्शन भी इसी तरह जुड़ा हुआ है। मेंटल हेल्थ और हार्ट हेल्थ एक-दूसरे के पूरक हैं। एंजाग्यटी, स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियां हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसी तरह जो लोग स्ट्रोक जैसी गंभीर परिस्थिति से गुजरे हैं, उनमें डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन को पहचान कर इसका इलाज करना बहुत जरूरी है, वरना ये हार्ट अटैक जैसी गंभीर परिस्थिति को बुलावा दे सकता है।

स्ट्रोक के बाद मेंटल हेल्थ में बदलाव आ जाता है। डिप्रेशन स्ट्रोक का एक तरह का साइड इफेक्ट है। पोस्ट स्ट्रोक एंजाग्यटी और डिप्रेशन के लक्षण बहुत ही आम हैं। हर 3 में से 1 स्ट्रोक के सर्वाइवर में डिप्रेशन, स्लो न्यूरोमोटर रिकवरी, खराब क्वालिटी ऑफ लाइफ और बढ़ी हुई मृत्यु दर की संभावना ज्यादा हो जाती है। डिप्रेशन स्ट्रोक आने के महीनों बाद भी हो सकता है या फिर साल दो साल बाद भी हो सकता है। लगभग 30% स्ट्रोक सर्वाइवर में डिप्रेशन की समस्या पाई गई है।

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पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन के लक्षण

  • घबराहट और बेचैनी
  • दिल जोरों से धड़कना
  • मृत्यु का खौफ
  • अपनी हॉबी में दिलचस्पी कम होना
  • एनर्जी डाउन महसूस करना
  • भूख जरूरत से अधिक या कम लगना
  • आत्महत्या के विचार और प्रयास
  • निर्णय लेने में या याद रखने में दिक्कत
  • हर समय मूड अपसेट रहना या एक खालीपन और उदासी सा महसूस करना

पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन का इलाज

  • पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन का इलाज होना जरूरी है। एक अच्छे साइकोलॉजिस्ट या साइकियाट्रिस्ट की मदद लें।
  • पौष्टिक आहार लें।
  • परिवार या किसी करीबी से अपनी भावनाएं शेयर करें।
  • थैरेपी का सहारा लें। प्रोफेशनल हेल्प कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी, इंटरपर्सनल थेरेपी, माइंडफुलनेंस बेस्ड कॉग्निटिव थेरेपी जैसी कई प्रकार की थेरेपी की मदद से आपका मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट प्लान बनाएंगे। धीरे-धीरे आप डिप्रेशन से बाहर आता हुआ महसूस करेंगे।

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