Tomato Fever: टोमैटो फीवर के ऐसे लक्षण जो मां-बाप को कर सकते हैं कंफ्यूज़
Tomato Fever दो साल बाद भी सारी दुनिया अब भी कोरोना वायरस के चंगुल से निकली नहीं थी कि मंकीपॉक्स और टोमैटो फीवर जैसे दो नए संक्रमण भी परेशानी बढ़ाने आ गए हैं। खासतौर पर टोमैटो फीवर ने पैरेंट्स की नींद उठाई हुई है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 09:03 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Tomato Fever: टोमैटो फीवर के मामले केरल में देखे गए हैं। अभी तक कुल 82 मामले सामने आए हैं, जिनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं। यह एक दुर्लभ वायरस इन्फेक्शन है, जो जानलेवा साबित नहीं होता, हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते ज़रूरी सावधानी लेना ज़रूरी है ताकि इसे रोका जा सके।
बच्चों को बीमार होने से कैसे बचाएं
स्कूलों के खुलने से बच्चों की ज़िंदगी नॉर्मल हुई है, हालांकि, इस दौरान एलर्जी का अटैक, फ्लू, टायफॉइड, डेंगू आदि जैसी बीमारियां मां-बाप को परेशान भी करती हैं। टोमैटो फ्लू भी एक ऐसी बीमारी है, जिसने पेरेंट्स की नींद छीन ली है। यह अधिक संक्रामक माना जा रहा है, जो बच्चों में तेज़ी से फैल रहा है।
साथ ही टोमैटो फीवर के लक्षण दूसरी कई बीमारियों से मिलते भी हैं, जिससे इसे शुरुआत में समझना मुश्किल भी हो सकता है।
टोमैटो फीवर के शुरुआती लक्षण
किसी भी बुखार की तरह, टोमैटो फीवर में भी बुखार और हल्का बदन दर्द देखा जाता है, लेकिन आंखों या नाक से पानी आने जैसे संकेत नहीं देखे गए हैं। मुंह में छालों की वजह से मुंह से लार का तपटना आम है। कूल्हे, हथेलियों और तलवों पर चकत्ते देखे जा सकते है। शुरुआत में इसे चिकनपॉक्स समझा जा सकता है, लेकिन मुंह, हथेलियों और तलवों पर चकत्ते होने का मतलब टोमैटो फीवर ही है। टोमैटो फीवर को समझना मुश्किल नहीं है, क्योंकि इसमें मुंह, कूल्हे, तलवों और हथेलियों पर भी रैशेज़ आ जाते हैं। कई बार घुटनों पर भी चकत्ते दिखते हैं।
हालांकि, इसके शुरुआती लक्षण किसी भी वायरल संक्रमण की तरह के ही लगते हैं। तेज़ बुखार, तेज़ बदन दर्द और जोड़ों में दर्द, टोमैटो फीवर में आम है, जिसके बाद रैशेज़ आना भी शुरू हो जाते हैं।
संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है?
टोमैटो फ्लू बच्चों में तेज़ी से फैलता है। इसलिए बच्चों को उन बच्चों से दूर रखें जो टोमैटो फ्लू से जूझ रहे हैं। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा स्कूल में किसी दूसरे बच्चे से प्लेट या कप न शेयर कर रहा हो। ज़्यादातर वयस्कों के लिए यह संक्रामक साबित नहीं होता, लेकिन फिर भी संक्रमित बच्चे के बर्तन न शेयर करें। हाथों को साफ रखें।
किस तरह की सावधानियां लेनी ज़रूरी हैं?
- अगर बच्चे को बुखार आता है, तो उसे घर पर ही रखें जब तक बुखार उतर न जाए।
- अगर बुखार के साथ रैशेज़ हैं, तो बच्चे को आइसोलेट कराएं जब तक रैशेज़ न चले जाएं।
- इसमें 5 से 7 दिन लग सकते हैं। बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं।
- संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, खाना और दूसरी चीज़ें स्वस्थ बच्चों के साथ शेयर न करें।
- घर में साफ सफाई का पूरा ध्यान दें।