मोबाइल को तकिए के पास ही रखकर सो जाते हैं आप, तो वक्त रहते जान लीजिए इसके गंभीर नुकसान
सोने से पहले फोन स्क्रॉल करने की आदत तो हर किसी को लगी हुई है। ऐसे में अगर आप भी सोने से पहले मोबाइल को तकिए नीचे रख देते हैं तो मानकर चलिए कि आप सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ (Dangers of Sleeping with Your Phone) कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे यह साइलेंट किलर बनकर आपके अंग-अंग को बीमार बना सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मोबाइल फोन सिरहाने रख कर सोने की आदत (Sleeping With Phone) अगर आपको भी है, तो यह खबर आपकी नींद उड़ा सकती है। चाहे आप अलार्म के कारण ऐसा करते हों या फिर आपको देर रात मोबाइल चलाने की आदत हो, बता दें कि हर एक लिहाज से यह सेहत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। मोबाइल फोन से निकलने वाली ब्लू-लाइट और खतरनाक रेडिएशन साइलेंट किलर की तरह काम करती है और आपको अहसास होने से पहले ही बड़े खतरे पर ला खड़ा करती है। आइए जान लीजिए इसके साइड इफेक्ट्स और बचाव के तरीके।
सिर के पास मोबाइल रखकर सोने के नुकसान
- बिगड़ जाता है स्लीपिंग शेड्यूल: मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है जो नींद को नियंत्रित करता है। इससे नींद न आना, नींद में बार-बार खलल और नींद की गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- सिरदर्द और माइग्रेन: मोबाइल की रेडिएशन से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है। खासकर तब जब आप मोबाइल को सिर के बहुत करीब रखकर सोते हैं।
- कानों में चुभन: मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन आपके कानों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है और इससे कानों में चुभन की समस्या पैदा हो सकती है।
- त्वचा से जुड़ी समस्याएं: मोबाइल की स्क्रीन पर बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं। जब आप मोबाइल को चेहरे के पास रखकर सोते हैं तो ये बैक्टीरिया आपकी त्वचा पर पहुंचकर कील-मुंहासे जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
- कैंसर का खतरा: इस बारे में अभी तक कोई ठोस सबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन कुछ स्टडी से पता चलता है कि मोबाइल की रेडिएशन से कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
- तनाव और चिंता: सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है। इससे स्लीपिंग शेड्यूल बुरी तरह बिगड़ जाता है।
- दिल की बीमारियां: स्टडीज बताती हैं कि मोबाइल की रेडिएशन दिल की बीमारियों को भी न्योता दे सकती है। यही वजह है कि आपको यह आदत तुरंत छोड़ देनी चाहिए।
क्यों होता है नुकसान?
- मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन: मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
- ब्लू लाइट का प्रभाव: मोबाइल की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट, मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को कम करती है, जिससे स्लीपिंग शेड्यूल बुरी तरह बिगड़ जाता है।
- बैक्टीरिया का संक्रमण: मोबाइल की स्क्रीन पर बहुत सारे बैक्टीरिया होते हैं जो त्वचा के संपर्क में आने पर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं बचाव?
- सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दें।
- मोबाइल को कभी भी तकिए के नीचे या सिर के पास रखकर न सोएं।
- सोने से पहले एक शांत और अंधेरे कमरे में जाएं।
- मोबाइल को कमरे से बाहर रखें या इसे एयरप्लेन मोड में कर दें।
- नियमित रूप से अपने मोबाइल को साफ करते रहें।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।