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हवा प्रदूषण से बढ़ रहा है Sleep Apnea का खतरा, इन तरीकों से करें अपना बचाव

Sleep Apnea एक नींद से जुड़ा आम रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर है जिसके कारण नींद के दौरान सांस रुक सकती है और फिर से शुरू हो सकती है। यह शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोक सकता है और नींद में खलल डाल सकता है। स्लीप एप्निया होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें वायु प्रदूषण सबसे प्रमुख कारण है।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sun, 09 Jun 2024 10:14 AM (IST)
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कैसे स्लीप एप्निया का कारण बनता है वायु प्रदूषण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब सोते समय सांस लगभग दस सेकंड के लिए रुक सी जाए और ये प्रक्रिया एक घंटे में 5 बार से अधिक दोहराए तो ये ओब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया(OSA) कहलाता है। समय रहते इसके सही कारण का पता लगा लेना चाहिए और उसी अनुसार इलाज भी कराना चाहिए, नहीं तो ये एक गंभीर स्थिति को जन्म दे सकता है। इससे नींद पूरी नहीं हो पाती है, जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे सांस की नली की बनावट, सोते समय अनहाइजीन, ध्वनि और हवा प्रदूषण जिसमें हवा प्रदूषण एक मुख्य कारण बन कर उभर रहा है। हवा प्रदूषण कई प्रकार की हानिकारक गैस का मिश्रण है, जिससे मानव शरीर और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक शोध के अनुसार PM 2.5 और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ऐसे दो एयर पॉल्यूटेंट हैं, जो कि ओब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के लिए जिम्मेदार होते हैं।

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क्या है ओब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया?

इस दौरान हवा की नली ब्लॉक सी हो जाती है। इन पॉल्यूटेंट को सांस द्वारा शरीर के अंदर ले लेने से ऊपरी सांस की नली प्रभावित होती है, जिससे यहां सूजन हो सकती है। ये सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है, जिससे ओब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हवा प्रदूषण सांस की नली में कंजेशन पैदा करते हैं। इस हवा के सहारे पॉलेन, मोल्ड स्पोर या धूल जैसी एलर्जिक चीज़ें भी सांस की नली को प्रभावित करती हैं।

कैसे करें हवा प्रदूषण से होने वाले स्लीप एप्निया को दूर

वैक्यूम करें

घर में मौजूद सोफा,जमीन, मकड़ी के जाले, खिड़की और दरवाजे समय-समय पर साफ करते रहें, नहीं तो इनके ऊपर इकट्ठी होती हुई धूल घर में रहने पर भी हमें हवा प्रदूषण से सुरक्षित नहीं रख पाती है।

खिड़की दरवाजे बंद रखें

जब हवा प्रदूषण बढ़ गया हो या फिर पॉलेन और मोल्ड स्पोर्स का मौसम हो तो खिड़की दरवाजे बंद रखें और घर में सुरक्षित रहें।

बाहर कम निकलें

एयर क्वालिटी की रिपोर्ट चेक करें तभी बाहर निकलें। अगर ये बढ़ी हुई दिखती है तो बाहर न ही जाएं।

अपना टेस्ट कराएं

सोते समय किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें और अपना टेस्ट कराएं। इस समस्या को हल्के में न लें और हवा प्रदूषण को कम करने के लिए वे सभी कदम उठाएं, जिससे आप इसके प्रकोप से बच जाएं।

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