Asthma and Acidity: क्या आपको भी लगता है अस्थमा और एसिडिटी का है आपस में कनेक्शन, तो यहां जानें पूरी बात
Asthma and Acidity क्या आपको अस्थमा की प्रॉब्लम है और इसके साथ ही अक्सर एसिडिटी की भी प्रॉब्लम बनी रहती है और आपको लगता है कि इन दोनों के बीच कोई कनेेक्शन है तो आज का लेख इसी के ऊपर है। यहां हम एक्सपर्ट से जानेंगे कि इन दोनों के बीच का कनेक्शन लक्षण व बचाव। साथ ही इलाज से जुड़ी जरूरी जानकारी।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 05 Jul 2023 09:36 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Asthma and Acidity: अस्थमा और एसिडिटी के बीच बहुत ही कम सीधा संबंध है। अस्थमा एक सांस से सम्बंधित बीमारी है। यह तब होती है जब वायुमार्ग में सूजन आ जाती है और संकुचन होता है। ऐसा होने पर घरघराहट, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। वहीं एसिडिटी, जिसे एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) कहा जाता है, तब होती है जब पेट का एसिड वापस एसोफेगस (अन्नप्रणाली) में जाता है। ऐसा होने पर सीने में जलन और उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
Dr. Yash Javeri, Director Critical Care & Emergency Medicine, Critical Care & Emergency Medicine, Regency Superspeciality Hospital ने बताया कि, 'अस्थमा और एसिडिटी दो अलग-अलग बीमारियां हैं। कभी कभी व्यक्ति इन दोनों बीमारियों से ग्रसित हो सकता है। इन दोनों बीमारियों के लक्षण कभी-कभी एक जैसे हो सकते हैं। कुछ व्यक्तियों में एसिड रिफ्लक्स अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर या बदतर कर सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि एसोफेगस (अन्नप्रणाली) में पेट के एसिड का रिफ्लक्स ऊपरी वायुमार्ग तक पहुंच सकता है और जलन तथा सूजन जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। इससे संभावित रूप से अस्थमा के लक्षण पैदा हो सकते हैं। पेट की अम्लीय सामग्री निचले अन्नप्रणाली में नसों को भी उत्तेजित कर सकती है, जिससे ब्रोन्कोकन्स्ट्रिक्शन (वायुमार्ग का संकुचन) हो सकता है।'
इसके अलावा कई सबूतों से पता चलता है कि अनियंत्रित अस्थमा से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। अस्थमा से सम्बंधित खांसी और छींक से पेट और छाती में दबाव बढ़ता है, जिससे पेट संभावित रूप से एसिड को अन्नप्रणाली में ऊपर धकेलता है।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि अस्थमा से पीड़ित सभी व्यक्तियों को एसिड रिफ्लक्स का अनुभव नहीं होता है, और एसिड रिफ्लक्स वाले सभी व्यक्तियों में अस्थमा नहीं होता है। दोनों बीमारियों के बीच का संबंध हर एक व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। अगर आपको अपने अस्थमा और एसिडिटी के बीच किसी सम्बंध का संदेह है, तो सटीक डायग्नोसिस और उचित मैनेजमेंट प्लान के लिए हेल्थकेयर प्रोफेसनल से कंसल्ट करना महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि वही दोनों बीमारियों का प्रभावी ढंग से इलाज़ करने के लिए व्यक्ति के मुताबिक़ सलाह दे सकते हैं और इलाज के विकल्प सुझा सकते हैं।
अस्थमा और एसिडिटी के बीच सम्बन्ध को आइए गहराई से समझें
एसिड रिफ्लक्स अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर करता है
एसिड रिफ्लक्स तब होता है, जब पेट का एसिड वापस ग्रासनली में प्रवाहित होता है, जिससे यह संभवतः ऊपरी वायुमार्ग तक पहुंच जाता है। पेट की अम्लीय सामग्री संवेदनशील वायुमार्ग की परत को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे वायुमार्ग में सूजन और संकुचन हो सकता है। इससे जलन खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसे अस्थमा के लक्षण पैदा हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है अभी इसकी व्याख्या नहीं हो पाई है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि रिफ्लक्स्ड एसिड सीधे वायुमार्ग में तंत्रिका अंत को उत्तेजित कर सकता है, जिससे ब्रोंकोकॉन्स्ट्रिक्टिव प्रतिक्रिया हो सकती है।अस्थमा से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है
अनियंत्रित और गम्भीर अस्थमा से एसिड रिफ्लक्स होने की संभावना बढ़ सकती है। बार-बार खांसी और घरघराहट जैसे अस्थमा के लक्षण छाती और पेट के भीतर दबाव बढ़ा सकते हैं। यह बढ़ा हुआ दबाव एसिड सहित पेट की सामग्री को अन्नप्रणाली में ऊपर की ओर धकेल सकता है। अस्थमा वाली खांसी और घरघराहट बार-बार होने से निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर के सामान्य कामकाज को बाधित करके समस्या को और बदतर बना सकते हैं। एसोफेजियल स्फिंक्टर एक मांसपेशी रिंग होती है जो पेट में एसिड के बैकफ्लो को रोकने में मदद करती है।
रिस्क फैक्टर
अस्थमा और एसिड रिफ्लक्स में कुछ सामान्य जोखिम फैक्टर होते है। इसकी वजह से पहले की वजह से दूसरा और दूसरे की वजह से पहली समस्या हो सकती है। इन रिस्क फैक्टर में मोटापा, धूम्रपान, कुछ खानपान संबंधी फैक्टर (जैसे कि ज्यादा चर्बी वाला खाद्य पदार्थ, मसालेदार भोजन, कैफीन) और कुछ दवाएं (उदाहरण के लिए, अस्थमा के इलाज में उपयोग किए जाने वाले बीटा-एगोनिस्ट, ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए उपयोग किए जाने वाले कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स) शामिल हैं। ऊपर बताए गए ये फैक्टर दोनों बीमारियों के एक साथ होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।एक समान लक्षण
अस्थमा और एसिड रिफ्लक्स दोनों ही खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। लक्षणों में यह ओवरलैप कभी-कभी केवल लक्षणों के आधार पर दोनों बीमारियों की पहचान करना मुश्किल बना सकता है। इसलिए किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना ज़रूरी हो जाता है। डॉक्टर कुछ जरूरी टेस्ट करके दोनों बीमारियों का सटीक डायग्नोसिस कर सकता है।इलाज़
जब किसी व्यक्ति को अस्थमा और एसिड रिफ्लक्स दोनों होता है, तो दोनों बीमारियों का मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। कुछ दवाओं से इन दोनों बीमारियों का इलाज किया जाता है। इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और ब्रोन्कोडायलेटर्स जैसी अस्थमा की दवाएं वायुमार्ग की सूजन को कम करने और सांस लेने में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। एसिड रिफ्लक्स दवाएं जैसे प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs) या H2 ब्लॉकर्स पेट में एसिड उत्पादन को कम कर सकते हैं और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से राहत दिला सकते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे वजन कम करना, डाइट में बदलाव और ट्रिगर से बचना भी फायदेमंद हो सकता है। यह ध्यान देना जरूरी है कि अस्थमा और एसिडिटी के बीच कुछ हद तक संबंध है, लेकिन अस्थमा से पीड़ित हर व्यक्ति को एसिड रिफ्लक्स का अनुभव नहीं होगा, और हर एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित व्यक्ति को अस्थमा नहीं होगा। दोनों बीमारियों के बीच का संबंध हर एक व्यक्ति में अलग अलग हो सकता है। इसलिए डायग्नोसिस और इलाज़ के लिए एक पर्सनालाइज़्ड नजरिया अपनाना ज़रूरी है। अपनी बीमारी का सटीक आंकलन करने और एक उचित मैनेजमेंट योजना बनाने के लिए किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना सबसे बेहतर होता है। Dr. Yash Javeri, Director Critical Care & Emergency MedicineCritical Care & Emergency Medicine, Regency Superspeciality HospitalPic credit- freepiik