Diabetes कैसे डालता है हार्ट हेल्थ पर असर? एक्सपर्ट ने बताया क्यों समय से इलाज जरूरी
दिल और ब्लड शुगर का संतुलन बनाए रखने को दिनचर्या में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। हेल्दी डाइट नियमित रूप से व्यायाम और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं काे सही समय पर लेना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को समय समय पर अपनी सेहत की जांच करवाते रहना चाहिए। नियमित जांच से हृदय संबंधी बीमारियों के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज और दिल की बीमारी का संबंध काफी गहरा है। दरअसल डायबिटीज रोगियों में दिल की बीमारी का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। जिसमें कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसका मुख्य कारण हाई ब्लड शुगर का दिल पर पड़ने वाला नकारात्मक असर है।
नई दिल्ली के SAAOL Heart Centre के डायरेक्टर और पूर्व सलाहकार डॉ. बिमल छज्जर ने बताया कि जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और लंबे समय तक बनी रहती है तो यह ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड वेसेल्स में बनने लगता प्लाक
उन्हाेंने बताया कि हाई ब्लड शुगर के कारण रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में प्लाक बनने लगता है। प्लाक के जमाव से धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। जिससे रक्त प्रवाह अच्छे से नहीं हो पाता है। यह स्थिति आगे चलकर दिल पर अधिक दबाव डालती है और समय के साथ हृदय रोग की संभावना को बढ़ा देती है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं, खासकर तब जब उनका ब्लड शुगर अनियंत्रित हो चुका हो।यह भी पढ़ें: World Diabetes Day 2024: भारत में तेजी से पैर पसार रहा डायबिटीज, बीमारी से आपको बचा सकते हैं ये छोटे बदलाव
हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल पर दें ध्यान
डायबिटीज के मरीजों को केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की ही नहीं, बल्कि अन्य चीजों पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। इनमें हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं। दरअसल यही दो कारण हैं जो दिल से जुड़ी बीमारी के खतरे को और बढ़ा सकते हैं। अगर इन पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो दिल की सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है।लाइफस्टाइल में करें बदलाव
दिल और ब्लड शुगर का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें अपने दिनचर्या में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता होती है। हेल्दी डाइट लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना, और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं काे सही समय पर लेना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा धूम्रपान और शराब से भी दूर रहना चाहिए। साथ ही वजन को भी कंट्रोल रखने की आवश्यकता है। क्योंकि ये सभी दिल से जुड़ी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं।