इन 4 पैरासाइट्स से जानलेवा हो जाता है मलेरिया, जानें इनके लक्षण
These 4 Parasites Make Malaria Dangerou मानसून के साथ ही मलेरिया के कई मामले सामने आने लगते हैं। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Sun, 13 Sep 2020 11:49 AM (IST)
नई दिल्ली। बरसात के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे कई तरह की जानलेवा बीमारियां जन्म लेती है, जिनमें एक मलेरिया है। आमतौर पर यह एक संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इन संक्रमित मच्छरों में प्लास्मोडियम पैरासाइट होता है। जब यह मच्छर आपको काटता है, तो पैरासाइट आपके रक्तप्रवाह में पहुंच जाता है। पैरासाइट आपके शरीर के अंदर पहुंचकर सीधे लीवर में पहुंच जाता है और उसके बाद वहां परिपक्व होता है।
कुछ दिनों बाद जब पैरासाइट परिपक्व हो जाता है तो वह रक्तप्रवाह में पहुंच जाता है और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देता है। 48 से 72 घंटों के अंदर, लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर के परजीवी कई गुना बढ़ जाते हैं, जिससे संक्रमित कोशिकाएं फट जाती हैं। पैरासाइट लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना जारी रखते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे लक्षण होते हैं जो एक समय में दो से तीन दिन तक रहते हैं।
मलेरिया इन चार तरह के पैरासाइट से फैलता है:1. प्लासमोडियम वाइवेक्स (P. vivax): भारत में लगभग 60 प्रतिशत मलेरिया के मामले प्लासमोडियम वाइवेक्स की वजह से सामने आते हैं। इसमें शरीर में बुखार, जुकाम, थकान और डायरिया जैसी मुश्किलें सामने आती हैं।
2. प्लासमोडियम ओवाले (P.ovale) : यह पैरासाइट ज्यादातर पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है और यह इंसान को काटने के बाद भी काफी लंबे समय तक उसके शरीर में ज़िंदा बना रहता है।
3. प्लासमोडियम फेल्किपेरम (P. falciparum): मलेरिया का यह पैरासाइट सबसे खतरनाक और जानलेवा होता है। इसमें उल्टी, बुखार, पीठ दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, चक्कर, बॉडी पेन, थकान लगना और पेट दर्द जैसे लक्षण होते हैं।4. प्लासमोडियम मलेरिया (P. malaria): इस पैरासाइट से पीड़ित मरीज में ठिठुरन के साथ तेज बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि यह जानलेवा नहीं होता।