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दिल को दर्द दे सकती हैं आपकी ये आदतें, नहीं बरती सावधानी तो बन जाएंगे दिल के मरीज

दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से दिल की बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। दिल का ख्याल रखने के लिए (Heart Health Tips) डॉक्टर ने कुछ बातें बताईं जैसे- किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए कैसा खान-पान होना चाहिए किन चीजों से परहेज करना चाहिए आदि। उन्होंने जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में मरीजों के सवाल के जवाब भी दिए।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 30 Sep 2024 02:34 PM (IST)
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डॉक्टर से समझें दिल की सेहत के बारे में सबकुछ (Picture Courtesy: Freepik)

जागरण, देहरादून। Heart Health Tips: बदलती जीवनशैली, तनाव व खराब खानपान के कारण हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है। यह कहना है कैलाश अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग के प्रमुख एवं सीनियर कंसल्टेंट डा. इरफान याकूब का। जिन्होंने विश्व हृदय दिवस पर हेलो जागरण में पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव और उपचार के तरीकों के बारे में परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि यदि आपकी दिनचर्या गड़बड़ है।

समय पर सोते नहीं हैं। जब जो मन किया, खा लिया। खाने में भी फास्ट फूड, पैक्ड फूड, तली-भुनी चीजों का अधिक सेवन करते हैं। मोटापा है और निष्क्रिय जीवन जीते हैं, तो सचेत हो जाएं। इस तरह की जीवनशैली से आप हृदय संबंधी बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। कहा कि तंबाकू का सेवन भी कम उम्र में दिल का दर्द दे रहा है। सिगरेट, बीड़ी और गुटखा, तंबाकू का सेवन करने से हृदय में रक्त का प्रवाह कम होने होने लगता है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

इन लक्षणों को गम्भीरता से लें

सीने में तेज दर्द, बिना कारण पसीना आना, बेचैनी अनुभव होना, जबड़े, गर्दन और पीठ में दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई होना, सांस छोटी होना, जल्दी-जल्दी सांस लेना, चक्कर आना, पल्स का धीरे-धीरे कम होना, मानसिक रूप से कुछ सोच या समझ ना पाना।

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इस ओर दें ध्यान

  • अपना लोअर बीपी 80 से कम रखें। ब्लड प्रेशर ज्यादा हो तो दिल के लिए काफी खतरा है।
  • फास्टिंग शुगर 100 से कम रखें। डायबिटीज और दिल की बीमारी आपस में जुड़ी हुई हैं।
  • कालेस्ट्राल 200 या इससे कम रखें। इसमें भी बैड कालेस्ट्राल 130 से कम रहना चाहिए।
  • जिनको हार्ट की बीमारी हो, उनका कोलेस्ट्राल 80 से कम हो तो बेहतर है।
  • रोजाना कम-से-कम 30-45 मिनट सैर और व्यायाम जरूर करें।

जोखिम को पहचानें

डा. इरफान याकूब के अनुसार, हृदय संबंधी समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए कम उम्र से ही सभी लोगों को इससे बचाव के उपाय करते रहना चाहिए। वह कहते हैं कि सभी लोगों को अपने जोखिम कारकों के बारे में जानना और खतरे को कम करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

  • उम्र: हृदय रोग के लिए उम्र एक प्रमुख जोखिम कारक है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में हृदय संबंधी समस्याएं सबसे अधिक रिपोर्ट की जाती हैं। ऐसे में आपको बढ़ती उम्र बढ़ती के साथ अलर्ट हो जाना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप: रक्तचाप बढ़ने को हृदय रोगों का प्रमुख कारक माना जाता है। 140/90 से ऊपर की रीडिंग को उच्च रक्तचाप माना जाता है। उच्च रक्तचाप के कारण धमनियों और हृदय पर दबाव काफी बढ़ जाता है, जिससे दिल के दौरे या स्ट्रोक की आशंका भी अधिक हो सकती है। जिन लोगों को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत रहती है, उनमें हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है।
  • कोलेस्ट्राल: हाई कोलेस्ट्राल को भी हृदय रोगों का कारण माना जाता है। रक्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्राल होने के कारण धमनियों में वसायुक्त पदार्थ बढ़ने लगते हैं। जिससे रक्त का संचार प्रभावित हो जाता है। जिन लोगों के ब्लड लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर अक्सर बढ़ा हुआ रहता है, उनमें भविष्य में हृदय रोगों का जोखिम काफी अधिक हो सकता है।
  • मधुमेह: हाई ब्लड शुगर का स्तर डायबिटीज का जोखिम बढ़ा देती है, इस स्थिति को हृदय रोगों का भी कारक माना जाता है। मधुमेह रोगियों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज का जोखिम दोगुना होता है। टाइप-2 डायबिटीज वाले अधिकांश लोग इसका शिकार हो सकते हैं। डायबिटीज के शिकार लोगों को ब्लड शुगर के साथ हृदय रोगों से बचाव के लिए भी प्रयास करते रहने की आवश्यकता होती है।
  • शरीरिक निष्क्रियता: दिल को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है तो इससे भविष्य में आपके हृदय रोगों का शिकार होने की आशंका अधिक हो सकती है। व्यायाम की कमी मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल जैसी हृदय रोग की दिक्कतों को और भी बढ़ा देती है।

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हृदय रोग के खतरे को कम करेगा अच्छा खानपान

दिल की बीमारियां बढ़ने का कारण खराब खानपान और खराब लाइफस्टाइल है। डा. इरफान याकूब का कहना है कि लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अवसाद में बढ़ोतरी के साथ ही खराब खानपान की आदतें भी बढ़ी हैं। हमारी रोजमर्रा की कुछ कई आदतें हैं, जो दिल के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।

खराब खानपान कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। जिनमें हृदय रोग भी शामिल है। ऐसे में खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अच्छी डाइट दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने का सबसे कारगर हथियार है। एक संतुलित डाइट आपको कोलेस्ट्राल, हाई ब्लड प्रेशर और बढ़ते वजन जैसी समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। ऐसे में, अपनी थाली को पोषक तत्वों से भरपूर बनाएं।

सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स

ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की मात्रा को बढ़ाने में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स का भी काफी बड़ा रोल होता है, जो दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ाता है। यही वजह है कि चिकित्सक रेड मीट, फुल फैट वाले डेयरी उत्पाद और हाइड्रोजेनेटेड आयल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह देते हैं। इसके बजाय आप मोनोसैचुरेटेड और पालीअनसेचुरेटेड फैट वाले विकल्प चुन सकते हैं, जैसे- अखरोट, बादाम, आलिव आयल और एवोकाडो।

ज्यादा नमक

नमक का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है, जो दिल की बीमारी का एक बड़ा कारण है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में नमक ज्यादा होता है। ऐसे में, अपनी डाइट में ताजा फल शामिल करने की कोशिश करें और खानपान में नमक की मात्रा को कम करने के लिए इसके विकल्प के रूप में कुछ हर्ब्स और मसालों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

हाई प्रोटीन डाइट

प्रोटीन आपके शरीर के लिए काफी जरूरी है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा किडनी से जुड़ी समस्याओं को न्योता देती है, जो दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में, मांस, मछली, पोल्ट्री और डेयरी प्रोडक्ट्स का सीमित मात्रा में ही सेवन करें। इसके बजाय आप प्लांट बेस्ड प्रोटीन के विकल्प को चुन सकते हैं, जैसे- दाल, बीन्स, और टोफू इत्यादि।

ज्यादा चीनी

ज्यादा चीनी के सेवन से वजन बढ़ने के साथ-साथ टाइप-2 डायबिटीज का भी खतरा रहता है, जो दिल की बीमारी के बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है। सोडा, कैंडी, पेस्ट्री और अन्य स्वीट आइटम्स भले ही खाने में कितनी भी स्वादिष्ट लगती हों, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और जितना हो सके इसके बजाय, अपनी स्वीट क्रेविंग को शांत करने के लिए फाइबर से भरपूर ताजा फलों का सेवन करने की कोशिश करें।

पर्याप्त नींद लें, तनाव से रहें दूर

आप रात भर नींद लेने के बाद भी सुबह थकान महसूस करते हैं, उनींदापन रहता है तो इसका अर्थ है कि नींद बाधित रहती है। यह नहीं भूलें कि आपकी नींद की गुणवत्ता आपके खानपान की आदतों के साथ आपके मूड, स्मरण क्षमता आदि को प्रभावित कर रही है। अच्छी नींद की कमी आपको निरंतर हृदयरोग के मुहाने पर खड़ी रखती है। वहीं, ऐसे मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है जो चिकित्सक के पास आकर तनाव बढ़ने की शिकायत करते हैं। तनाव धूमपान के लिए उकसाता है, अधिक खाने और शारीरिक निष्क्रियता को बढ़ावा देने वाला होता है। क्रानिक तनाव उच्च रक्तचाप का बड़ा कारण बन सकता है और ये सभी हृदयरोग, ह्दयाघात को खुला आमंत्रण देने वाले हैं।

दिल की सेहत के लिए 35 की उम्र में जरूर कराएं जांच

भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल लोगों के पास खुद के लिए भी समय नहीं है। एक तरफ जहां महिलाएं घर और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते अपने सेहत को नजरअंदाज करती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पुरुष भी वर्कप्रेशर और अन्य जिम्मेदारियों के चलते अपनी सेहत को लेकर लापरवाही बरतते हैं। डा. इरफान के अनुसार स्वास्थ्य समस्याओं की जल्द पहचान करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। खासकर 40 वर्ष से अधिक के लोग अपनी स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं। उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, वजन और ब्लड शुगर पर निगाह बनाए रखें। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से संबंधित पूर्व लक्षणों को नजरअंदाज न करें। 35 साल की उम्र के बाद लिपिड प्रोफाइल, ईसीजी, टीएमटी आदि सामान्य जांच जरूर कराएं।

ब्रेकफास्ट न छोड़ें

अक्सर ब्रेकफास्ट छोड़ने की आदत है, तो ये भी आपके ब्लड शुगर को बिगाड़ने का काम करता है और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है। एक हेल्दी ब्रेकफास्ट न सिर्फ आपको पूरे दिन ऊर्जावान रखने में मदद करता है बल्कि आप दिन में ज्यादा खाने से भी बचते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग पहुंचा सकती है 
दिल को नुकसान

आजकल लोग फैट को कम करने और फिट रहने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं, इसमें सबसे लोकप्रिय तरीका है इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी आंतरायिक उपवास। लेकिन, खानपान में इस तरह का प्रयोग दिल की सेहत के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है। डा. इरफान के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन दिखने लगा है। आसान शब्दों में समझें तो इसमें कुछ घंटे के लिए भोजन किया जाता है और उसके बाद कई घंटों तक बिना कुछ खाए-पिए रहा जाता है। आमतौर पर, आठ और 16 घंटे में समय विभाजित होता है यानी आठ घंट के दौरान खानपान, शेष 16 घंटे के लिए पूरी तरह उपवास। शरीर को लगातार ऊर्जा की जरूरत होती है। 15-16 घंटों तक भूखे रहने से शरीर पर दबाव बढ़ता है। अतः नियमित अंतराल पर पौष्टिक भोजन लेते रहने की परंपरा ज्यादा लाभदायक है। कब और कितनी बार खाते हैं, इससे अधिक जरूरी है कि हम क्या खाते हैं। अब आठ घंटे के दौरान अधिक वसायुक्त भोजन और धूमपान, अल्कोहल ले रहे हैं, तो वह शरीर के लिए खतरनाक ही साबित होगा।

स्टेरायड का सेवन, हो सकता है खतरनाक

आजकल के युवा तेजी से मांसपेशियों को बढ़ाने और आकर्षक शरीर पाने के लिए शार्टकट अपना रहे हैं। जिसमें सबसे आम तरीका है स्टेरायड का इस्तेमाल। डा. इरफान ने कहा कि सेहतमंद दिखने के लिए युवाओं में स्टेरायड लेने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। ये उनके स्वास्थ्य खासकर दिल के लिए घातक हो सकती है। जिम में भी बेतरतरीब तरीके से एक्सरसाइज उनके लिए नुकसानदेह है। सामान्य लोगों को भी दिल की बीमारियों से बचने को चिकित्सीय सलाह के बाद ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।

सीपीआर देकर आप भी बचा सकते 
हैं किसी की जिदंगी

कार्डियक अरेस्ट के दौरान सीपीआर देकर आम आदमी भी लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं। डा. इरफान ने कहा कि सीपीआर में छाती को दोनों हाथों से 30 बार दो इंच गहराई तक पंप करना है। इसकी गति एक मिनट में 12100 बार होनी चाहिए। उन्होंने कहा एक घंटा गोल्डन आवर होता है, कोशिश रहे कि इस बीच मरीज अस्पताल पहुंच जाए।

कैलाश अस्पताल कै कार्डियोलाजी विभाग के प्रमुख एवं सीनियर कंसल्टेंट डा. इरफान याकूब ने लोगों के सवालों के दिए जवाब

सवाल- एक स्टेंट डला हुआ है। आगे ब्लाकेज न हो, इसके लिए क्या करना होगा। -शैलेश, क्लेमेनटाउन

जवाब- यदि हार्ट में समस्या नहीं चाहते है तो दवाओं का सेवन करते रहिए। साथ ही अपनी दिनचर्या और खानपान सही रखें। साथ ही सप्ताह में पांच दिन कम से कम आधा घंटा हल्का व्यायाम करें। इससे आगे समस्या नहीं होगी। 

सवाल- दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए। -अशोक कुमार, रुड़की

जवाब- खानपान व दिनचर्या नियमित करें। साइकलिंग करें, वाक, रनिंग का सहारा लें। योग, मेडिटेशन को अपने लाइफ में शामिल करें। इससे दिल स्वस्थ रहेगा।

सवाल- तेज चलने, सीढ़ियां चढ़ने पर धड़कन बढ़ जाती है। सांस फूलती है। -वंदना, ज्वालापुर

जवाब- इसकी कई वजह हो सकती है। हीमोग्लोबिन की कमी, वजन ज्यादा होना, फेफड़ों में दिक्कत और हृदय संबंधी समस्या। इनमें कोई भी कारण हो सकता है। एक बार चिकित्सक को जरूर दिखा लें। l

सवाल- सीने में भारीपन, जकड़न की समस्या है। ईको, ईसीजी सामान्य है। -सुरेश, देहरादून

जवाब- हृदय संबंधी दिक्कत होने पर दर्द अक्सर सीने के बीच या बाईं तरफ से शुरू होता है। जिस तरह की दिक्कत आप बता रहे हैं, वह हृदय संबधी समस्या नहीं लग रही। सीने में दर्द जो आता-जाता रहता है, वह श्वसन तंत्र या पाचन तंत्र में समस्या का भी संकेत हो सकता है। एक बार चिकित्सक को दिखा लें।

सवाल- मेरा कोलेस्ट्राल बढ़ा हुआ है। क्या मुझे हृदय रोग का खतरा ज्यादा है? दलबीर, प्रेमनगर

जवाब- कोलेस्ट्राल का बढ़ना अच्छी बात नहीं है। कोलेस्ट्राल बढ़ने से शरीर में रक्तचाप समेत अन्य बीमारियां भी पैदा हो जाती हैं। इसलिए अपने कोलेस्ट्राल को कंट्रोल में रखिए।

सवाल- मेरी आयु 65 वर्ष है। मुझे शुगर और बीपी अधिक रहता है। दवा लगातार चलती रहती है, क्या इससे मुझे हृदयघात का खतरा है? -मधु, आराघर

जवाब- अधिक शुगर, बीपी के कारण हार्ट अटैक का खतरा रहता है। डाक्टर को दिखाकर जांच कराएं। आप शुगर को नियंत्रण करने के लिए सुबह-शाम वाक कर सकते हैं। खाने पर नियंत्रण रखे। आपकी आयु के हिसाब से आपको डाक्टर से मिलकर स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए।

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