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वजाइनल रैशेज और यीस्ट इंफेक्शन के लिए ये कारण हो सकते हैं जिम्मेदार, जानें इनका उपचार

वजाइना में लाल चकत्ते और खुजली ये एक ऐसी समस्या है जो बेहद आम है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। साफ- सफाई का ढंग से न होना या फिर कोई बैक्टीरियल इन्फेक्शन। तो कैसे इस समस्या को दूर किया जा सकता है आइए जानते हैं यहां।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Tue, 22 Feb 2022 07:39 AM (IST)
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प्राइवेट पार्ट पर हाथ रखी हुई युवती
महिलाओं को शारीरिक तौर पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।लेकिन जब बात प्राइवेट पार्ट से जुड़ी हो तो इन्हें अकसर नजरंदाज कर दिया जाता है। जब तक बात हाथ से न निकल जाए या कहें कि परेशानी इतनी न बढ़ जाए कि संभालना मुश्किल हो जाए, तब तक महिलाएं इस बारे में किसी से बात तक नहीं करती हैं और शर्म या असहजता के चलते समय पर उसका ट्रीटमेंट नहीं ले पाती हैं। वजाइना में खुजली और इन्फेक्शन ऐसी ही एक समस्या है। तो आइए जानते हैं कि किन कारणों से होता है और इसके लक्षण क्या हैं और क्या है इसका इलाज।

1. अगर आपने अभी-अभी अपना साबुन बदला है तो इससे होने वाली एलर्जी आपकी वेजीना में जलन और खुजली का कारण बन सकती है। एक अध्ययन के अनुसार 50 प्रतिशत मामलों में वजाइना के आसपास होने वाले रैशेज का जिम्मेदार साबुन का बदलना है। एलर्जी की वजह से लाल त्वचा लाल हो जाती है, सूख जाती है और उसमें खुजली होने लगती है। अगर ऐसा है तो एक बार फिर अपना साबुन बदलें। माइल्ड या बेबी सोप का इस्तेमाल करें। 

2. कई बार यीस्ट इंफेक्शन की वजह से भी वजाइना के ऊपर और आसपास के हिस्से में लाल चकत्ते होने लगते हैं और दाने निकल आते हैं। बहुत ज्यादा खुजली होती है और इन्फेक्शन बढ़ने से शारीरिक संबंध बनाते समय या पेशाब करते समय भी जलन महसूस होती है। सफेद रंग का लिक्विड डिस्चार्ज होने लगता है। वैसे ये ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है। वजाइना की साफ-सफाई रखकर आप परेशानी को कम कर सकती हैं।

3. एक स्वास्थ्य वजाइना का मतलब है-अच्छे बैक्टीरिया और लो पीएच लेवल(4.5 से कम) का सही संतुलन। पीएच लेवल ये बताता है कि ये कितना एसिडिक है। अक्सर प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है तो आपके वजाइना में बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसे इन्फेक्शन की अधिक संभावना हो जाती है जिसकी वजह से उसमें खुजली और रैसेज होना आम है। इससे बचने के लिए जरुरी है सही पीएच बैलेंस वाले उत्पादों का इस्तेमाल।

अगर समस्या ज्यादा बड़ी नहीं है तो इन कुछ आयुर्वेदिक उपायों को आजमा कर आसानी से इस परेशानी से

छुटकारा पा सकते हैं।

- जेंटल क्लीनिंग- दिन में शॉवर लेना और उस दौरान अपने जननांगों को अच्छे से साफ करना, खुजली को कम करने में मदद का आसान तरीका है। जलन से बचने के लिए अपनी वजाइना और आसपास की जगह को धोने के लिए सादे पानी या त्रिफला के काढ़े का इस्तेमाल कर सकती हैं। काढ़ा बनाने के लिए एक चम्मच त्रिफला में पानी डालकर पका लें। अब इससे वजाइना को साफ करें। आराम मिलेगा।

- यीस्ट इन्फेक्शन के लिए चंद्राप्रभा वटी दवाई की दो-दो टेबलेट, सुबह शाम खाने के साथ ली जा सकती है।

- इस समस्या में दारू हल्दी का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है। ये दवाई आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर आसानी से मिल जाएगी। दो ग्राम दारू हल्दी को पानी मिलाकर काढ़ा बनाकर सुबह शाम पीने से समस्या से आराम मिलता है।

- दही खाएं। समस्या ज्यादा है तो दही के साथ सिंघाड़े का आटा मिलाकर सेवन करें।

- चाय-काफी से कुछ समय के लिए दूरी बना लें। समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग करें।

- अगर किसी और बीमारी के चलते अश्वगंधा जैसी किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो इन्हें कुछ समय के लिए बंद कर दें। इनकी तासीर गर्म होती है और ये समस्या को और बढ़ा सकती हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं- अगर वजाइना में रैसेज बढ़ गए हैं और खुजली की समस्या भी कम नहीं हो रही है या खुजली के साथ अन्य लक्षण भी मसलन टमी और हिपबोन के बीच में दर्द (पेल्विक पेन) और या योनि से असमान्य बदबूदार डिस्चार्ज हो रहा है या फिर गांठ और अल्सर महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

(आयुर्वेदिक वैद्य शुंकतला देवी जी से बातचीत पर आधारित)

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