बारिश के मौसम में अगर स्किन पर दिखे ये लक्षण, तो समझ जाइये हो रहा है फंगल इंफेक्शन
Monsoon Health Tips मानसून सीजन में त्वचा संबंधी समस्याएं काफी तेजी से बढ़ जाती हैं। यह सब फंगल इंफेक्शन के कारण होता है। भले ही ये जानलेवा नहीं होते हैं मगर शरीर पर इनका काफी खतरनाक प्रभाव पड़ता है। वहीं अगर समय रहते इनपर ध्यान न दिया जाए तो ये गंभीर हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ इंफेक्शन्स के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sun, 09 Jul 2023 08:00 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस दौरान की गई छोटी सी भी लापरवाही काफी गंभीर साबित हो सकती है। शरीर के आंतरिक हिस्से से लेकर बाहरी त्वचा तक बीमारी और संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर इसे गंभीरता से न लिया जाए, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसलिए मानसून सीजन में अधिक साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। कंघी, तौलिये, टोपी या तकिए से लेकर कपड़ों और रोजमर्रा की इस्तेमाल की चीजों को भी साफ करते रहना चाहिए और किसी संक्रमित के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
बारिश के मौसम में पैरों में अक्सर खुजली और इंफेक्शन की शिकायत देखने को मिलती है। वैसे तो बाज़ार में कई तरह की ओवर-द-काउंटर दवाएं और एंटीफंगल क्रीम उपलब्ध हैं, लेकिन हम आपको फंगल इंफेक्शन से निपटने के लिए कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बताने जा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम इसी पर चर्चा करने जा रहे हैं।
फंगल इंफेक्शन के प्रकार और उनके कारण
एथलीट फुट (Athlete Food)
एथलीट फुट को टिनिया पेडियास के रूप में भी जाना जाता है। यह एक फंगल इंफेक्शन है, जो पैरों की त्वचा को प्रभावित करता है और पैर के नाखूनों तक तेजी से फैलता है।एथलीट फुट के लक्षण:
- लगातार खुजली होना
- चुभने वाला एहसास
- जलन होना
- फफोले पड़ना
- पैरों का फटना
- त्वचा का छिलना
- टेढ़े-मेढ़े पैर के नाखून
दाद (Ring Worm)
बरसात के मौसम में सबसे आम संक्रमणों में से एक है दाद, जो किसी कीड़े के कारण नहीं होता। यह तेजी से फैलने वाला फंगल इंफेक्शन है, जो सामान्य फफूंद जैसे परजीवियों के कारण होता है। दाद की समस्या त्वचा की बाहरी परत की सेल्स पर होती है। दाद के कारण त्वचा पर गोल, पपड़ीदार धब्बे बन जाते हैं जिनमें लगातार खुजली होती रहती है और छाले जैसे घाव बन जाते हैं।इंटरट्रिगो (Intertrigo)
इंटरट्रिगो या इंटरट्रिजिनस डर्मेटाइटिस एक सूजन वाली स्थिति है, जो आमतौर पर त्वचा की परतों में बनती है। ज्यादातर गर्मी, नमी और त्वचा रगड़ने से यह समस्या और बढ़ती है।इंटरट्रिगो के लक्षण:
- खुजली
- जलन
- त्वचा की परतों में चुभने वाला दर्द
- बासी गंध
- सूजन
- छिलकेदार त्वचा
फफूंद जन्य बीमारी (Tinea Capitis)
इसे हर्पीस टॉन्सुरांस संक्रमण के रूप में भी जाना जाता है, टिनिया कैपिटिस आमतौर पर बालों की खोपड़ी पर होता है और डर्माटोफाइट प्रजातियों- माइक्रोस्पोरम और ट्राइकोफाइटन के कारण होता है। फफूंद जन्य बीमारी के लक्षण:- पैची गंजे धब्बे
- फ्रिजी बाल
- त्वचा के आसपास सूजन होना
- मवाद से भरे, खुजलीदार और दर्दनाक घाव
- बालों का स्थायी रूप से झड़ना
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast Infection)
यीस्ट संक्रमण को कैंडिडा के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर नम और खराब हवादार क्षेत्रों में पनपने वाली त्वचा की बाहरी परत पर होता है। यह कूल्हे की परतों पर या स्तनों के नीचे के हिस्से को प्रभावित करता है। यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण:- गंभीर दाने
- खुजली
- दाने के चारों ओर मुंहासे
फंगल इंफेक्शन से बचाव कैसे करें?
- कभी भी गीले जूते न पहनें
- कभी भी हेयरब्रश, मोज़े, जूते या तौलिये शेयर न करें
- सूती जैसे सांस लेने योग्य रेशों से बने मोज़े पहनें और हर रोज बदलें
- अपने बालों को अच्छे से शैम्पू करें और सुखा लें
- तंग कपड़े न पहनें और त्वचा को सांस लेने दें
- अपने क्यूटिकल्स को कभी न काटें
- नहाते समय अपने नाखूनों और नाखूनों के नीचे के हिस्से को अच्छी तरह साफ करना न भूलें