Liver Disease: कैसे पता करें कि लिवर में शुरू हो रही है कोई दिक्कत, ये लक्षण होंगे मददगार
Liver Disease लिवर हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है जो हमें हेल्दी रखने के लिए कई जरूरी काम करता है। हालांकि बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतें अक्सर हमारे लिवर को खराब कर देती हैं। ऐसे में जानते हैं कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जिनसे आप लिवर खराब होने की आसानी से पहचान कर सकते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 15 Nov 2023 07:30 AM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Liver Disease: क्या आप जानते हैं कि लिवर क्या है और इससे संबंधित बीमारियों के प्रति कैसे रह सकते हैं जागरूक? यहां हम लिवर और लिवर से संबंधित बीमारियों के प्रति कैसे रहें सचेत, इसकी विस्तृत जानकारी देने वाले हैं। इसके लिए सबसे पहले जानते हैं कि लिवर क्या है! लिवर पेट के ऊपर दाईं तरफ स्थित फुटबॉल बराबर एक अंग है। इसके कई कार्य हैं, जिनमें बाइल बनाना, बिलिरुबिन सोखना, फैट और प्रोटीन को तोड़ना, कार्बोहाइड्रेट स्टोर करना, ब्लड से टॉक्सिन निकाल कर ब्लड को फिल्टर और साफ करना आदि शामिल हैं।
आपको यह जान कर हैरानी होगी कि लिवर अगर 25% भी स्वस्थ है, तो यह खुद को तेजी से दोबारा पूरे तरीके से ठीक कर सकता है। लेकिन लिवर सिरोसिस हो जाए, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर अस्वस्थ हो जाता है, तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कुछ लक्षणों की मदद से आप यह पता लगा सकते हैं कि आप लिवर सिरोसिस की समस्या जूझ रहे हैं।
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लिवर सिसोरिस के लक्षण-
आइए जानते हैं कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जिससे आप आसानी से लिवर सिरोसिस या लिवर संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या का पता शुरुआती स्टेज में ही लगा सकते हैं, जिससे सही समय पर उचित इलाज शुरू करने में आसानी मिलेगी। हैं-स्वस्थ लिवर सबसे पहले फैटी लिवर में बदल जाता है, उसके बाद लिवर फाइब्रोसिस का रूप लेता है और आखिर में लिवर सिरोसिस बन जाता है। इसके बाद शरीर में निम्न लक्षण नजर आते हैं-
- सबसे पहले स्किन और आंखों में पीलापन नजर आने लगता है, जिसे पीलिया भी कहते हैं।
- गहरा पीला पेशाब
- गाढ़ा भूरा या खून के रंग जैसा मल
- उल्टी
- मितली
- पैरों में सूजन
- स्किन में खुजली
- भूख कम लगना
- हर समय थकावट महसूस करना
- पेट दर्द
- कमजोरी
- जोड़ों में दर्द
- बिना कारण वजन घटना
- लिवर के संक्रमण का पता चलता है
- लिवर सिरोसिस है या नहीं, और अगर है तो किस हद तक है, इसका पता लगाया जा सकता है
- अगर किसी प्रकार का इलाज करवा रहे हैं, तो उसके प्रभाव का भी पता चलता है
- किसी भी दवा के साइड इफेक्ट का पता चलता है
यह भी ध्यान रखें
लक्षण महसूस होने पर सचेत रहने के लिए LFT कराना एक कारगार तरीका है, लेकिन अगर किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं भी हो रहे हैं, तब भी सावधान रहने के लिए और स्वास्थ्य की दृष्टि से हर 6 महीने या साल भर में एक बार इसे करवाते रहना चाहिए। इसमें किसी प्रकार की तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती है। टेक्नीशियन घर आकर ब्लड सैंपल ले जाते हैं और एक ही दिन में आपके लिवर की पूरी जानकारी आपके हाथों में होती है।
यह भी पढ़ें- बढ़ते प्रदूषण में बढ़ रहा सीओपीडी का खतरा, एक्सपर्ट से जानें बचाव का तरीकाDisclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। Picture Courtesy: Freepik