मेटाबॉलिज्म को धीमा कर वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं ये फूड्स, आज से ही शुरू कर दें परहेज
मेटाबॉलिज्म एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है। हालांकि हर व्यक्ति का मेटाबॉलिक रेट अलग होता है। खाने-पीने से जुड़ी कुछ आदतों की वजह से भी मेटाबॉलिज्म स्लो (Slow Metabolism) हो सकता है। इसलिए हम यहां कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो मेटाबॉलिक रेट को प्रभावित कर सकते हैं जिनसे आपको परहेज करना चाहिए।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मेटाबॉलिज्म एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें भोजन से एनर्जी प्राप्त की जाती है। इससे शरीर में खाना सही तरह से पचता है और शरीर के सभी अंगों को सही मात्रा में पोषण मिलता है। इससे व्यक्ति दिनभर एक्टिव और एनर्जेटिक बना रहता है। हालांकि, मेटाबॉलिज्म की गति कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे उम्र, लिंग, जिनेटिक, फिजिकल एक्टिविटी और खाना। मेटाबॉलिज्म अच्छा हो, तो ये वजन कम करने में मदद करता है। वहीं यदि मेटाबॉलिज्म स्लो है, तो इसतके कारण वजन काफी धीरे कम होता है। इसलिए यहां हम कुछ ऐसे फूड्स (Foods Which Slow Metabolism) बता रहे हैं, जिन्हें कम से कम खाना चाहिए, क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म कम होता है।
फास्ट फूड
मेटाबॉलिज्म की गति को हाई फैट्स वाले फूड्स धीमा करते हैं। जैसे कि बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज आदि मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकते हैं, जिससे दिनभर एनर्जी की कमी रहती है और व्यक्ति आलस महसूस करता है। इसके सेवन से वजन भी तेजी से बढ़ता है।
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मैदा से भरपूर फूड्स
मैदे से बनी चीजें, जैसे- नूडल्स, पास्ता आदि मेटाबॉलिज्म को धीमा करते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा कम होती है जिससे डाइजेशन अच्छे से नहीं हो पाता और मेटाबॉल्जिम धीमा हो जाता है। ये वजन बढ़ने का भी कारण बनता है।
हाई प्रोसेस्ड फूड
मेटाबॉल्जिम की गति को हाई प्रोस्स्ड फूड्स या पैकेज्ड फूड भी इफेक्ट करते हैं। जैसे डिब्बाबंद फूड आइटम्स, मिठाइयां आदि। इनमें कम पोषण होता है और यह शरीर के लिए ऊर्जा बनाने में कम प्रभावी होते हैं। इसके साथ ही इनमें शक्कर की मात्रा भी काफी होती है, जिससे मेटाबॉल्जिम स्लो हो जाता है।शक्कर
ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे फैट स्टोर होने के चांस बढ़ते है। इससे वजन तेजी बढ़ता है और मेटाबॉल्जिम धीमा हो जाता है।
एल्कोहल
ज्यादा शराब का सेवन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है और ऊर्जा उत्पादन को कम कर सकता है। इससे वजन बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।रिफाइंड ऑयल
कई बार कुछ रिफाइंड ऑयल के कारण भी मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। रिफाइंड ऑल जैसे सोयाबीन, सनफ्लावर ऑयल ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इनके ज्यादा सेवन से ये इंसुलिन और लैप्टिन रेजिस्टेंस हो बढ़ाते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। यह भी पढ़ें: आज से ही शुरू कर दें डिनर के बाद Walk, कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा सेहत में बदलाव!Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।