Breastfeeding के दौरान महिलाओं को करना पड़ सकता है 3 समस्याओं का सामना, यहां जानें समाधान
बच्चे के सही विकास के लिए Breastfeeding बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होती है बल्कि उन्हें सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। स्तनपान बच्चे के साथ-साथ मां के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। हालांकि कई बार इस दौरान महिला के कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में आपको ऐसी कुछ समस्याओं के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) एक महिला के लिए बेहद खास और खूबसूरत एहसास है। इस नेचुरल प्रक्रिया के दौरान मां अपने बच्चे के सबसे करीब होती है।, लेकिन सभी महिलाओं के लिए ये एहसास खूबसूरत बना रहे, ऐसा संभव नहीं हो पाता है। ब्रेस्टफीडिंग की जर्नी में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। ब्रेस्ट पर सही पकड़ न बना पाना, ब्रेस्ट में दूध इकट्ठा होना, संक्रमण होना, निप्पल चोटिल हो जाना, दूध की सप्लाई जरूरत से ज्यादा कम या अधिक होना,पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग न करा पाना ऐसी ही कुछ समस्याएं हैं।
ब्रेस्टफीडिंग जर्नी में ऐसी तमाम समस्याएं और चैलेंज महिलाओं के सामने खड़े हो सकते हैं, जिससे निपटने के लिए एक मां को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं ऐसे ही 3 चैलेंज, जिनका सामना ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं को करना पड़ सकता है-यह भी पढ़ें- Breast Cancer का खतरा कम करती है ब्रेस्टफीडिंग, डॉक्टर से समझें पूरा साइंस
लैच करने में समस्या
बच्चा ब्रेस्टफीडिंग करते समय जब तक निप्पल पर अच्छे से लैच नहीं बनाता तब तक उसके होंठ लॉक नहीं होते और सही तरीके से दूध निकल कर बच्चे के मुंह तक नहीं जा पाता है। इससे बच्चा भूखा रह जाता है और मां को भी असहजता महसूस होती है।
- समाधान– लैक्टेशन कंसल्टेंट से संपर्क करें या ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें, जिससे लैच करने की सही तकनीक की जानकारी हो सके। अलग-अलग फीडिंग पोजिशन ट्राई करें और जो सबसे बेस्ट हो उसी तरीके से लैच कराने की कोशिश करें।
मास्टाइटिस
ब्रेस्ट टिश्यू में इन्फ्लेमेशन होना मास्टाइटिस कहलाता है। मिल्क डक्ट ब्लॉक होने के कारण इस दौरान फीवर हो सकता है और फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।- समाधान- ब्रेस्टफीडिंग कराना या पंप करना बंद न करें, क्योंकि इससे ब्लॉक डक्ट साफ होते रहती है। प्रभावित हिस्से में वॉर्म कंप्रेस करें। इससे इंफ्लेमेशन कम होगा। आराम करें, पानी पीते रहें और अगर आराम न मिले, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
एंगोर्जमेंट
बहुत ज्यादा दूध बनने के कारण ब्रेस्ट में दूध इकट्ठा होने लगता है, जिसे एंगोर्जमेंट कहते हैं।
- समाधान- फीड करने से पहले ब्रेस्ट पर वॉर्म कंप्रेस करें, जिससे दूध का फ्लो गति में आ जाए। हल्के हाथ से ब्रेस्ट का मसाज करें, जिससे दूध के कारण ब्रेस्ट पर पड़ रहे दबाव को कुछ हल्का किया जा सके। ब्रेस्टफीडिंग और पंपिंग करना न रोकें, क्योंकि इसे रोकने से एंगोर्जमेंट की समस्या बढ़ सकती है।