Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Thyroid Awareness Month 2024: क्या आप करते हैं थायराइड से जुड़े इन मिथकों पर यकीन, तो जानें क्या है सच्चाई

तेजी से बदलती लाइफस्टाइल इन दिनों कई समस्याओं की वजह बन रही है। थायराइड इन्हीं समस्याओं में से एक है जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि अभी भी लोगों में इसे लेकर जागरूकता की कमी है जिसकी वजह हर साल जनवरी में थायराइड अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इस मौके पर आज जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ आम मिथक और इनकी सच्चाई-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 18 Jan 2024 03:39 PM (IST)
Hero Image
क्या आप भी सच मानते हैं थायराइड से जुड़े ये मिथक

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Thyroid Awareness Month 2024: इन दिनों लोग कई समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और काम का बढ़ता बोझ लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। डायबिटीज, बीपी जैसी कई समस्याएं लोगों के लिए परेशानी की वजह बनी हुई हैं। थायराइड ऐसी ही एक समस्या हैं, जो कई लोगों को प्रभावित करता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे लेकर आज भी लोगों में जागरूकता की कमी है। ऐसे में इसे लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल जनवरी में थायराइड अवेयरनेस डे मनाया जाता है।

इस बीमारी को लेकर हमें अक्सर कई ऐसी अफवाहें और मिथक सुनने को मिलते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। ऐसे में आप इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे थायराइड से जुड़े ऐसे ही कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में-

यह भी पढ़ें- Covid-19 JN.1 से संक्रमित व्यक्ति में नजर आ सकते हैं ये 6 लक्षण, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

मिथक: थायराइड की सभी समस्याओं में वजन बढ़ता है।

फैक्ट: हालांकि वजन बढ़ना थायराइड का एक सामान्य लक्षण है, लेकिन थायराइड होने के कारण कई बार वजन घट भी सकता है या वजन पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ता है। इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं, जिसमें वजन सिर्फ एक पहलू है।

मिथक: थायराइड हमेशा जेनेटिक होते हैं।

फैक्ट: यह पूरी तरह सच नहीं है। थायराइड जेनेटिक हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इसका कारण हमेशा यही हो। इसमें पर्यावरणीय कारक और जीवनशैली विकल्प भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मिथक: सिर्फ महिलाओं को ही थायराइड की समस्या होती है।

फैक्ट: यह धारणा भी बिल्कुछ सच नहीं हैं। थायराइड महिलाओं में ज्याजा आम जरूर है, लेकिन पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। थायराइड की समस्या लिंग आधारित नहीं हैं, इसलिए पुरुष और महिला दोनों की ही जागरूक रहने की जरूरत है।

मिथक: थायराइड विकार हमेशा स्पष्ट लक्षणों के साथ होते हैं।

फैक्ट: थायराइड के लक्षण सूक्ष्म और अस्पष्ट हो सकते हैं, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह से होने वाली थकान, मूड में बदलाव और बालों के झड़ने को अक्सर नजरअंदाज किया जा सकता है, लेकिन नियमित जांच की मदद से कम स्पष्ट लक्षणों का जल्द पता लगाया जा सकता है।

मिथक: आप जीवनशैली में बदलाव कर थायराइड मैनेज नहीं कर सकते।

फैक्ट: थायराइड के लिए दवा जरूरी हो सकती है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद थायराइड को मैनेज करने में अहम भूमिका निभा सकती है। सहायता कर सकते हैं। लक्षणों को प्रबंधित करने में जीवनशैली विकल्प महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मिथक: हाइपोथायराइडिज्म ही एकमात्र थायराइड विकार है

फैक्ट: हाइपोथायराइडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉयड) प्रचलित है, लेकिन हाइपरथायराइडिज्म (ओवर एक्टिव थायरॉयड), थायरॉइड नोड्यूल्स और हाशिमोटो और ग्रेव्स डिजीज जैसे ऑटोइम्यून विकार भी आम हैं।

यह भी पढ़ें- दिल को बीमार बना सकता है Teenage Stress, स्टडी में सामने आया तनाव और गंभीर बीमारियों का कनेक्शन

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik