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कम उम्र में ही जोड़ों के दर्द ने कर दिया है परेशान, तो इन 5 टिप्स से पाएं इससे राहत

जोड़ों के दर्द की समस्या (Joint Pain) की वजह से रोजमर्रा का जीवन भी प्रभावित होता है। वैसे तो यह समस्या ज्यादातर बुढ़ापे में होती है लेकिन हमारी लापरवाहियों की वजह से कम उम्र में भी यह परेशानी शुरू हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि जोड़ों के दर्द से बचाव कर सकते हैं। आइए जानें इससे बचने के लिए कुछ आसान टिप्स।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sun, 16 Jun 2024 09:44 AM (IST)
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इन तरीकों से मिलेगा जोड़ों के दर्द (Joint Pain) से आराम (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Joint Pain Treatment: जोड़ों के दर्द (Joint Pain) को अक्सर बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। बुजुर्गों में हड्डियां कमजोर होने की वजह से घुटनों में दर्द या चलने-फिरने में तकलीफ जैसी परेशानियां आमतौर पर देखने को मिल जाती हैं। आपको बता दें कि जोड़ों के दर्द की समस्या अचानक से नहीं शुरू होती है। यह धीरे-धीरे शुरू होता है। लेकिन इस ओर ध्यान न देने की वजह से यह परेशानी बढ़ने लगती है और नौबत यहां तक पहुंच जाती है कि उठने-बैठने में भी तकलीफ शुरू होने लगती है। हालांकि, अब यह समस्या नौजवानों में भी देखने को मिलती है।

इसमें पीठ दर्द (Back Pain) तो सबसे सामान्य है। ऐसा गलत पोजिशन में बैठने या स्थिर जीवनशैली की वजह से होता है। यह परेशानी शुरुआत में छोटी नजर आती है, जिसकी वजह से इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या और गंभीर होने लगती है और आर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या भी हो सकती है। इसलिए जोड़ों के दर्द के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर आप इस समस्या को कम कर सकते हैं। आइए जानें जोड़ों के दर्द को कम करने (How to treat Joint Pain) के लिए किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करने से जोड़ों के आस-पास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे जोड़ों को सुरक्षा मिलती है और वे जल्दी कमजोर नहीं होते। साथ ही, वजन कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करें। इसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग को खासतौर से शामिल करें। ये मांसपेशियों और हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होती है। हालांकि, इससे पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।

Joint Pain Treatment

(Picture Courtesy: Freepik)

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वजन कम करें

ज्यादा वजन की वजह से जोड़ों पर काफी जोर पड़ता है। इसलिए मोटापा या ओवर वेट के शिकार व्यक्ति को जोड़ों के दर्द की सम्सया होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए कोशिश करें कि आपका वजन नियंत्रित रहे। इसके लिए नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट फॉलो करना बेहद जरूरी होता है।

हेल्दी डाइट फॉलो करें

हड्डियों की मजबूती के लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी है। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करें। इससे हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिसके कारण जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती।

विटामिन डी लें

विटामिन डी की कमी की वजह से शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए विटामिन डी की कमी से बचें। रोज सुबह की हल्की धूप में थोड़ा समय बिताएं। साथ ही, विटामिन डी से भरपूर फूड्स, जैसे मशरूम, साल्मन, टूना आदि को डाइट में शामिल करें।

ब्लड शुगर कम करें

ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होने की वजह से शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जो जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे ही शुगर ज्यादा होने की वजह से कार्टिलेज में अकड़न भी हो सकती है, जिसका प्रभाव जोड़ों पर पड़ता है और उन्हें मोड़ने या सीधा करने में दर्द होने लगता है।

चोट से बचें

रोजमर्रा के जीवन में हमें कभी-कभार कोई भारी सामान उठाना पड़ जाता है या कभी चोट लग जाती है। इन कारणों से भी जोड़ों को नुकसान पहुंच सकता है और उनमें दर्द होना शुरू हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप खुद को चोट से बचाएं और भारी सामान उठाते समय भी सही तकनीक का प्रयोग करें या मदद लें, ताकि जोड़ों पर अधिक दबाव न पड़े।

स्मोकिंग न करें

स्मोकिंग की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। साथ ही, इसके कारण इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है। इसकी वजह से आर्थराइटिस का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए स्मोकिंग बिल्कुल न करें।

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