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जानें, तितली आसन कैसे करें और क्या हैं इसके फायदे

इस योग की मुद्रा बद्धकोणासन के समान है। अतः इसे बद्धकोणासन भी समझ लिया जाता है लेकिन बद्धकोणासन और तितली आसन में अंतर है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Mon, 13 Jul 2020 09:24 AM (IST)
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जानें, तितली आसन कैसे करें और क्या हैं इसके फायदे
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। तितली आसन दो शब्दों तितली और आसन से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ तितली की मुद्रा में बैठना है। इस योग की मुद्रा बद्धकोणासन के समान है। अतः इसे बद्धकोणासन भी समझ लिया जाता है, लेकिन बद्धकोणासन और तितली आसन में बहुत अंतर है। इस मुद्रा में तितली की भांति पैरों को ऊपर-नीचे हिलाते हैं।

जबकि बद्धकोणासन में पैरों को जमीन पर रखना होता है। इस योग को रोजाना करने से व्यक्ति दिनभर तरोताजा रह सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग को करने से शरीर की थकान दूर हो जाती है। साथ ही शरीर में स्फूर्ति का नवीन संचार होता है। अगर आपको तितली आसन के बारे में नहीं पता है तो आइए जानते हैं कि तितली आसन कैसे किया जाता है और इसके फायदे क्या हैं-

तितली आसन कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में दरी अथवा चटाई बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर आराम मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों को आगे की तरफ फैलाएं और फिर उसे मोड़कर घुटनों एवं तलवों को एक दूसरे से मिलाएं। आप चाहे तो इस योग को करने के लिए दंडासन मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।

अब आराम मुद्रा में बैठकर अपने हाथों से जांघों को ज़मीन से लगाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैर के तलवों को पकड़ लें और फिर आख बंदकर तितली की भांति अपने पैरों को हिलाएं। इस मुद्रा को कुछ मिनट के लिए करें। इस योग को रोजाना करने से कई प्रकार की शारीरिक परेशानियों से निजात मिलता है।

तितली आसन के फायदे

इस आसन के कई फायदे हैं। इससे टांगों में मजबूती आती है। कूल्हों की अंदरूनी तनाव खत्म होता है। महिलाओं के लिए यह योग बहुत लाभकारी है। शरीर की थकान को दूर करता है। आंतों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। इससे कूल्हों में लचीलापन भी आता है। जबकि सियाटिका से पीड़ित और घुटनों की समस्या से पीड़ित लोगों को तितली आसन नहीं करना चाहिए। इसे करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।