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ब्लड क्लॉटिंग की समस्या से बचाव के लिए, खानपान में नियमित रूप से शामिल करें ये 5 चीज़ें

अगर अपने खानपान में नियमित रूप से इन चीज़ों को शामिल किया जाए तो इससे शरीर में रक्त संचार सुचारु ढंग से होता है और थ्रॉम्बस यानी ब्लड क्लॉटिंग की समस्या से बचाव होता है। जान लेते हैं इसके बारे में

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 09:29 AM (IST)
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हाथ में लगे घाव पर पट्टी बांधता व्यक्ति
अगर शरीर के मैकेनिज्म के खून जमने की क्षमता न हो तो छोटी सी चोट भी जानलेवा हो सकती है। ब्लीडिंग बंद होने के बाद ही घाव भरने की प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन कई बार यह प्रक्रिया सही ढंग से काम नहीं करती, जिससे शरीर की रक्तवाहिका नलियों में खून का कोई थक्का अटक जाता है, जिससे नस फटने, स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसी समस्या हो सकती है।

अगर अपने खानपान में नियमित रूप से इन चीज़ों को शामिल किया जाए तो इससे शरीर में रक्त संचार सुचारु ढंग से होता है और थ्रॉम्बस यानी ब्लड क्लॉटिंग की समस्या से बचाव होता है।

हल्दी

इसमें मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व एक थक्का-रोधी के रूप में कार्य करता है। यह थक्का बनाने वाले तत्वों को निष्क्रिय करने में मददगार होता है और यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।

अदरक

इसमें सूजन और दर्द को दूर करने वाले कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए सब्जी के मसाले में या चाय बनाते समय इसका उपयोग जरूर करें।

लहसुन

यह फ्री रेडिकल्स के असर को कम करता है और प्लेटलेट्स काउंट्स को ठीक रखता है। खून को पतला करने के अलावा, लहसुन को एंटी-थ्रॉम्बेटिक गुणों के लिए पहचाना जाता है, अर्थात सूजन से बचाव में मददगार होता है।

लाल मिर्च

लाल मिर्च में सेहत को लाभ पहुंचाने वाले कई गुण होते हैं। इसमें सैलिसिलेट्स नामक तत्व पाया जाता है, जो रक्त को पतला करने में मददगार होता है।

दालचीनी

इसमें ब्लड क्लॉटिंग को रोकने की क्षमता होती है। यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। यह स्ट्रोक की आशंका को कम करती है।

खानपान में इन चीज़ों को शामिल करने के साथ ही अगर सही समय पर ब्लड क्लॉटिंग यानी थ्रॉम्बस के लक्षणों की पहचान कर ली जाए और इसका उपचार सही समय पर शुरू हो जाए तो व्यक्ति जल्द पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।

Pic credit- freepik