फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना करें इन 6 योगासनों का अभ्यास
Yoga for lungs कोरोना के साथ प्रदूषण की मार भी लोग फिलहाल झेल रहे हैं। ये दोनों ही चीज़ें हमारे फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं तो इन्हें हेल्दी रखने का एकमात्र तरीका योग है तो कौन से योग इसमें होंगे लाभदायक जान लें यहां।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:21 AM (IST)
तनाव को दूर करने के लिए योग आसन एक शक्तिशाली तरीका हैं। चिंता और तनाव से सांस फूलने लगती है। योग की मदद से हम फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करके उन्हें मजबूत बना सकते हैं। योग में आसन, प्राणायाम और सांस लेने के व्यायाम शामिल हैं जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के निर्माण में मदद करते हैं।
कुछ खास तरह के योग का अभ्यास करने से हमारे फेफड़ों की क्षमता मजबूत होती है। यह हमारे वायुमार्ग और नाक के मार्ग को भी साफ करते है जिससे ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन संबंधी मुद्दों को ठीक किया जा सकता है। योग का अभ्यास करने का आदर्श समय सुबह खाली पेट है।
1. बधा कोणासन
• दंडासन से शुरुआत करें।• पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं।
• एड़ी को श्रोणि के करीब खींचे।• धीरे से घुटनों को नीचे की ओर धकेलें।• सांस छोडें, ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को फर्श पर रखें।2. हलासन • पीठ के बल लेट जाएं।• मध्य और पीठ के निचले हिस्से को ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों को फर्श पर पीछे की ओर गिराएं।
• जितना हो सके छाती को ठुड्डी के पास लाने की कोशिश करें।• हथेलियां फर्श पर सपाट रह सकती हैं लेकिन आप बाजुओं को मोड़ सकते हैं और हथेलियों से पीठ को सहारा दे सकते हैं।3. भुज पिड़ासन • अधोमुखी श्वानासन से शुरू करें।• दाहिना पैर, दाहिनी हथेली के बाहर रखें।• बायां पैर बायीं हथेली के बाहर रखें।• दाहिने कंधे को दाहिनी जांघ के नीचे रखें।
• बाएं कंधे को बाईं जांघ के नीचे रखें।• जांघों/घुटनों को जितना हो सके कंधों के पास लाएं।• पैरों को फर्श से उठाएं और उन्हें सामने लाएं।• संतुलन खोजें और टखनों को लॉक करें।• कंधे खोलें और एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।• इस आसन को कुछ देर तक रोक कर रखें।4. चक्रासन • पीठ के बल लेट जाएं।
• पैरों को घुटनों पर मोड़ें और सुनिश्चित करें कि पैर फर्श पर मजबूती से टिके हुए हैं।• हथेलियों को आकाश की ओर रखते हुए कोहनियों पर मोड़ें। बांहों को कंधों पर घुमाएं और हथेलियों को सिर के दोनों ओर फर्श पर रखें।• श्वास लेते हुए, हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को एक आर्च बनाने के लिए ऊपर उठाएं।• गर्दन को आराम दें और सिर को धीरे से पीछे गिरने दें।
5. मुष्टि मुद्रा में मलासन • शरीर के किनारों पर बांहों के साथ सीधे खड़े होकर शुरुआत करें।• घुटनों को मोड़ें, श्रोणि को नीचे करें और इसे एड़ी के ऊपर रखें।• सुनिश्चित करें कि पैर फर्श पर सपाट रहें।• हथेलियों को पैरों के पास फर्श पर रख सकते हैं या प्रार्थना की मुद्रा में उन्हें अपनी छाती के सामने जोड़ सकते हैं।
• रीढ़ सीधी रहती है।मुष्टि मुद्रा मुष्टि मुद्रा जिसे मुट्ठी मुद्रा भी कहा जाता है, एक संस्कृत शब्द है जो "मुट्ठी" या "बंद हाथ" को संदर्भित करता है। मुट्ठी बनाने के लिए उंगलियों को बंद करके और उनके चारों ओर अंगूठे को लपेटकर इसका अभ्यास किया जाता है।(Grand Master Akshar से बातचीत पर आधारित)