ये हैं सिर और गर्दन के प्रमुख Cancer, बचाव के लिए लाइफस्टाइल में करें बदलाव, पास भी नहीं भटकेगी बीमारी
सिर और गर्दन के कैंसर विभिन्न अंगों जैसे मुंह गला आवाज साइनस और लार ग्रंथियों में होने वाले कैंसर का एक ग्रुप है। इनमें से अधिकतर कैंसर को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार कर और एहतियात बरत कर रोका जा सकता है। आज हम आपको सिर और गर्दन के पांच सबसे आम कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही उनसे बचाव के तरीके भी बताएंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सिर और गर्दन के कैंसर शरीर के उन हिस्सों में होते हैं जिनका हम रोजमर्रा के जीवन में बहुत अधिक इस्तेमाल करते हैं। जैसे मुंह, गला, आवाज, साइनस और लार ग्रंथियां। इनमें से कई कैंसर ऐसे हैं, जिनसे बचने के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव और एहतियात बरत कर बचा जा सकता है। हमारे आसपास का माहौल और हमारी कुछ आदतें, जैसे तंबाकू या शराब पीना, इस तरह के कैंसर को बढ़ावा देते हैं। earth.com के मुताबिक, खराब वायु प्रदूषण से कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है। आज हम हम सिर और गर्दन के पांच सबसे आम कैंसर के बारे में जानेंगे। हम आपको उनसे बचाव के तरीके भी बताएंगे।
ओरल कैविटी कैंसर
ओरल कैविटी कैंसर को मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर मुंह के अंदर के हिस्सों को प्रभावित करता है, जैसे कि होंठ, जीभ, मसूड़े और गाल। तंबाकू खाना, ज्यादा शराब पीना और खराब मौखिक स्वच्छता इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए तंबाकू और शराब से परहेज कर लेना चाहिए। साथ ही अच्छे मौखिक स्वास्थ्य के लिए रोजाना ब्रश और फ्लॉस करना चाहिए। आप समय-समय पर डेंटिस्ट के पास जाकर दांतों की जांच भी करा सकते हैं। इसके अलावा पान मसाला, गुटका, और धूम्रपान से बचना भी जरूरी है।
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लार ग्रंथि कैंसर (Salivary Gland Cancer)
लार ग्रंथि कैंसर, लार ग्रंथियों में होने वाला एक घातक ट्यूमर है। यह एक दुर्लभ बीमारी है और सिर और गर्दन के कैंसर का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा बनाती है। यह उन ग्रंथियों को प्रभावित करता है जो लार का उत्पादन करती हैं। लार ग्रंथि कैंसर को रोकने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि, धूम्रपान और शराब पीने जैसे जोखिम कारकों से बचकर कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही परिवार में कैंसर के इतिहास के बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
ग्रसनी कैंसर (Pharyngeal Cancer)
यह कैंसर गले में होता है और नासोफैरिंक्स, ओरोफैरिंक्स, या हाइपोफैरिंक्स को प्रभावित करता है। इसके जोखिम में तंबाकू, शराब और एचपीवी संक्रमण शामिल हैं। इससे बचाव के लिए धूम्रपान से दूर रहें। शराब पीना कंट्रोल करें। साथ ही एचपीवी वैक्सीन पर विचार करें, जो एचपीवी से संबंधित ग्रसनी कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।पैरानेसल साइनस और नसल कैविटी कैंसर (Paranasal Sinus and Nasal Cavity Cancer)
यह दुर्लभ कैंसर साइनस और नाक को प्रभावित करता है। लकड़ी के बुरादे और कुछ रसायनों के संपर्क में आने से इसका खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए हानिकारक रसायनों से दूर रहें। कोशिश करें कि अच्छे वातावरण में रहें।
लैरींक्स कैंसर (Laryngeal Cancer)
लैरींक्स कैंसर या स्वरयंत्र कैंसर धूम्रपान करने वालों और अत्यधिक शराब पीने वालों को जकड़ लेता है। इसके अलावा, हानिकारक धुएं के संपर्क में आना भी एक बड़ा कारण है। इससे बचने के लिए धूम्रपान छोड़ें, शराब न पिएं और खतरनाक धुएं वाले वातावरण में मास्क पहनें रहें। यह भी पढ़ें: दबे पांव धीरे-धीरे शरीर को खोखला बनाता है कैंसर, WHO के बताए इन संकेतों से आप भी कर सकते हैं पहचानबचाव के टिप्स
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लाइफस्टाइल में सुधार
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हेल्दी डाइट
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नियमित व्यायाम
- समय-समय पर जांच