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कोरोनावायरस का एंटीबॉडी थैरेपी से होगा उपचार, पहला मानव परीक्षण शुरू

कोरोना वायरस का इलाज एंटीबॉडी थैरेपी से किया जाएगा। दुनिया में कोविड के इलाज के लिए ये पहला मानव परीक्षण (ह्यूमन ट्रायल) है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 02 Jun 2020 01:30 PM (IST)
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कोरोनावायरस का एंटीबॉडी थैरेपी से होगा उपचार, पहला मानव परीक्षण शुरू
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कोशिश जारी है। अमेरिका के इंडियाना में स्थित एली लिली एक फार्मास्यूटिकल कंपनी ने सोमवार को एलान किया कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार की गई एक एंटीबॉडी थैरेपी के मामले में दुनिया का पहला मानव परीक्षण (ह्यूमन ट्रायल) शुरू कर दिया है।  इस इलाज को इस तरह किया गया है कि वायरस के कांटे के आकार वाले प्रोटीन स्ट्रक्चर को निशाना बनाया जा सके और वायरस द्वारा मानव कोशिका को संक्रमित करने से रोका जा सके। इस तरह, यह थैरेपी वायरस को बेअसर कर सकती है। कंपनी का कहना है कि अगर यह दवा सुरक्षित सिद्ध होती है तो वह उन मरीजों के संभावित इलाज पर अध्ययन शुरू करेगी, जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं।

कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डेनियल स्कोव्रोंस्की ने कहा कि हमें वैक्सीन या एंटी वायरल अणुओं के क्षेत्र का ज्यादा अनुभव नहीं है। लेकिन एंटीबॉडी, उनकी इंजीनियरिंग करने में, उनका परीक्षण करने में और उन्हें तैयार करने में हम काफी बेहतर हैं। यह ऐसी क्षमता है, जो हममें है, इसलिए हमने कोविड-19 के इलाज में एंटीबॉडी पर प्रयोग करने का फैसला किया।'

कंपनी ने कहा कि अध्ययन के पहले चरण में इस बात का आकलन किया जाएगा कि दवा कितनी सुरक्षित है और अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीज इसे कितने बेहतर तरीके से सहन कर पाते हैं। कंपनी के मुताबिक, अध्ययन के पहले चरण का परिणाम जून के अंत तक आने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन उन केंद्रों में से एक है, जहां इसके पहले चरण का परीक्षण होगा। यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग और वैक्सीन रिसर्च इकाई के निदेशक डॉ. मार्क जे मुलिगन ने कहा, 'हम कोविड-19 से पीड़ित मरीजों को एक नये इलाज में भाग लेने का मौका दे रहे हैं। इस उम्मीद के साथ कि इससे उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। 

              Written By Shahina Noor