UTI: महिलाएं आसानी से हो सकती हैं यूटीआई का शिकार, बचाव के लिए अपनाएं ये असरदार उपाय
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जिससे लगभग हर महिला जीवन में एक न एक बार जरूर प्रभावित होती है। इस परेशानी का वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या कापी गंभीर रूप भी ले सकती है। इसलिए इससे बचाव करना बेहद जरूरी होता है। जानें यूटीआई से बचाव करने के कुछ आसान तरीके।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। UTI: महिलाओं की सेहत से जुड़ी समस्याओं में Urinary Tract Infection (UTI) सबसे आम है। हालांकि, यह पुरुषों को भी हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसका खतरा काफी अधिक रहता है, जिस वजह से महिलाओं को इससे बचाव करने के लिए अधिक सावधानी बरतनी होती है। यूटीआई, यूरीनरी सिस्टम के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह आमतौर पर इसके नीचले हिस्से को ही प्रभावित करता है।
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, इस यूटीआई की वजह से किडनी, ब्लैडर और यूरेथरा में इन्फेक्शन हो सकता है। यूटीआई होने का सबसे आम लक्षण है, बार-बार यूरिनेट करने की जरूरत महसूस होना, लेकिन इसके अलावा और भी कई लक्षणों की मदद से यूटीआई का पता लगाया जा सकता है।
यूटीआई के लक्षण-
- बुखार
- ठंड लगना
- यूरिनेट करते समय दर्द होनाि
- संभोग के दौरान दर्द
- पेल्विस के निचले भाग में दबाव महसूस होना
- मितली आना
- पेट या पीठ में दर्द
- यूरिन से असामान्य गंध आना
- यूरिन के रंग में बदलाव
- यूरिन में ब्लड आना
यूटीआई का अगर वक्त पर इलाज न किया जाए, तो यह किडनी में गंभीर इन्फेक्शन की वजह बन सकते हैं। इसके अलावा, एक बार यूटीआई होने के बाद, इसके दोबारा होने का खतरा काफी अधिक रहता है। इसलिए इससे बचाव करना बेहद आवश्यक होता है।
कैसे करें इससे बचाव?
भरपूर मात्रा में पानी पीएं
पानी की कमी की वजह से कई बार बैक्टीरिया यूरिनकी ट्रैक्ट में रह जाते हैं, जिस वजह से यूटीआई का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं, ताकि यूरिन के जरिए बैक्टीरिया बाहर निकल सकें। बहुत समय तक यूरिनेट न करने की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया पनपने शुरू हो सकते हैं। इसलिए कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पीएं।शारीरिक संबंध बनाने के बाद यूरिनेट करें
कई बार शारीरिक संबंध बनाने के दौरान बैक्टीरिया आपके यूरिनरी सिस्टम में जा सकते हैं। इसलिए हमेशा शारीरिक संबंध बनाने के बाद और पहले भी यूरिनेट जरूर करें। इससे अगर बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते भी हैं, तो वे बाहर यूरिन के जरिए बाहर निकल सकते हैं।