Virtual Meetings कर सकते हैं आपके दिल और दिमाग को परेशान, इन तरीकों से करें इससे बचाव
हमारी लाइफ कोविड के समय से काफी बदल गई है। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की वजह से हमारी ऑफिस की कई मीटिंग्स और बच्चों की कितनी वर्क शॉप्स भी ऑन्लाइन ही होती हैं। एक रिसर्च के अनुसार विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हमारे शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में और कैसे कर सकते हैं इसके नकारात्मक प्रभाव को कम।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Virtual Meetings: कोविड महामारी के समय से हमारी जिंदगी कम्पयूटर की स्क्रीन में कैद होकर रह गई है। ऑफिस की मीटिंग्स, बच्चों की क्लासेज, दोस्तों और रिश्तेदारों से बात-चीत सब कुछ वर्चुअल मीटिंग्स के जरिए ही हो रहा था, जो अब भी काफी हद तक वैसे ही चल रहा है। हाल ही में, नेचर में छपी, यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज अपर ऑस्ट्रिया की एक रिसर्च के अनुसार, इन ऑनलाइन मीटिंग्स की वजह से हमारे सेहत पर काफी नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं, क्या पाया गया इस रिसर्च में और कैसे कर सकते हैं इसके प्रभाव को कम।
इस शोध में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की वजह से दिमाग में होने वाले प्रभावों के बारे में पता करने की कोशिश की गई। इसके लिए कुछ स्टूडेंट्स के दिमाग और दिल को स्कैन किया गया और पाया गया कि 50 मिनट की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद नर्वस सिस्टम में बदलाव आते हैं। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ध्यान एक जगह लगाने के लिए दिमाग की एक्टिविटी बढ़ जाती है और इस कारण से दिमाग की थकावट और अटेंशन में कमी की समस्या होती है।
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इस स्टडी में यह भी पाया गया कि मीटिंग के दौरान फेस-टू-फेस मीटिंग की तुलना में अधिक थकावट, नींद आना, ध्यान न लगना और मूड खराब होने की शिकायत पाई गई। इसका प्रभाव केवल दिमाग तक ही सीमित नहीं था, बल्कि दिल की सेहत पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इस वजह से अपने शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान रखने के लिए कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है।
कैसे कर सकते हैं विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के नुकसानों को कम?
मीटिंग का टाइम सेट करें
अक्सर हम मीटिंग शुरू कब करेंगे यह तो तय कर लेते हैं, लेकिन मीटिंग कब तक चलेगी, यह पता नहीं होता या हम यह निर्धारित नहीं करते हैं कि कितने समय में मीटिंग खत्म करनी है। इस वजह से, हमें काफी लंबी वर्चुअल मीटिंग्स अटेंड करनी पड़ जाती है। इससे दिमागी थकावट बढ़ जाती है। इसलिए, अपनी मीटिंग का समय फिक्स करें और कोशिश करें कि बहुत देर तक मीटिंग न चले।
हाइब्रिड मोड को अपनाने की कोशिश करें
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग अब एकमात्र तरीका नहीं है मीटिंग करने का। कोशिश करें कि सभी मीटिंग्स ऑनलाइन माध्यमों से न हो, कुछ मीटिंग्स फेस-टू-फेस भी की जा सकती हैं। इसलिए हाइब्रिड मोड को अपनाना, आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इससे आपका स्क्रीन टाइम भी कम होगा और ह्यूमन इंटरैक्शन से आपको अच्छा भी महसूस होगा।
ब्रेक लें
अगर मीटिंग बहुत देर तक चल रही है, तो बीच में थोड़ी देर का ब्रेक लेने की कोशिश करें। 5-10 मिनट के ब्रेक से आपकी आंखों का स्ट्रेन भी कम होगा और आपका मेंटल स्ट्रेस भी मैनेज हो पाएगा।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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