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केरल में तेजी से फैल रहा West Nile Virus, डेंगू से मिलते-जुलते हैं इसके लक्षण, बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

केरल में इन दिनों वेस्ट नाइल फीवर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसे लेकर राज्य सरकार ने मलप्पुरम कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। वेस्ट नाइल वायरस मच्छर जनित बीमारी है जो आमतौर पर संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। सही समय पर इलाज न मिलने की स्थिति में व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Mon, 13 May 2024 04:22 PM (IST)
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West Nile Fever: क्या है वेस्ट नाइल फीवर और इसके लक्षण

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के कई जिलों में वेस्ट नाइल फीवर के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद से देशभर में इसे लेकर लोगों चिंताएं बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक त्रिशूर, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में इसके मामले देखने को मिले हैं। जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वेस्ट नाइल फीवर एक वायरल इन्फेक्शन है, जो वजह वेस्ट नाइल वायरस से होता है। इस वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से वेस्ट नाइल संक्रमण इंसानों में फैल जाता है। यह वायरस इंसानों के अलावा पक्षियों, मच्छरों, घोड़ों और कुछ अन्य जीवों को भी संक्रमित कर सकता है। समय पर उपचार न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। 

क्या है वेस्ट नाइल वायरस?

वेस्ट नाइल वायरस मच्छर जनित बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण फैलता है। यह वायरस आमतौर पर अफ्रीका, यूरोप, मिडिल ईस्ट, नॉर्थ अमेरिका और वेस्ट एशिया में पाया जाता है। यह वायरस कुछ पक्षियों में पाया जाता है। जब मच्छर उन संक्रमित पक्षियों को खाते हैं और फिर किसी व्यक्ति को काटते हैं, तो यह उन्हें संक्रमित कर देता है। वेस्ट नाइल वायरस कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक व्यक्ति के शरीर में रह सकता है। इस वायरस से संक्रमित 80 फीसद मामलों में इसके कोई लक्षण ही नजर नहीं आते हैं।

वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण

इस वायरस से संक्रमित होने पर लोगों को बुखार, पेट में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश, भूख न लगना, मसल्स में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, स्किन पर रैशेज और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण नजर देखने को मिलते हैं। इस तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

कैसे करें बचाव?

  • घर में कहीं भी पानी न जमा होने दें, क्योंकि ये मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं। 
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनकर ही निकलें। इससे धूप के साथ मच्छरों से भी बचाव होगा। 
  • घर के खिड़की और दरवाजों शाम को बंद रखें। 
  • बाहर सो रहे हैं, तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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Pic credit- freepik