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Depression in Kids: स्मार्टफोन क्यों बन रहा बच्चों में डिप्रेशन का कारण? एक्सपर्ट ने बताई ये बड़ी वजह

Depression in Kids इन दिनों बच्चों के बीच स्मार्टफोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन लगातार स्मार्टफोन का इस्तेमाल उनमें डिप्रेशन का कारण भी बन रहा है। ऐसे में इसके पीछे की वजह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaPublished: Sat, 27 May 2023 09:39 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 09:30 AM (IST)
बच्चों में क्यों डिप्रेशन का कारण बन रहा स्मार्टफोन

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Depression in Kids: इन दिनों मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। स्कूल की पढ़ाई से लेकर ऑफिस के कामकाज तक लोग लगातार स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में बच्चों में स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल से उन्हें कई समस्याओं का शिकार करना पड़ रहा है। कई अध्ययनों से यह पता चला है कि जो युवा वयस्क अक्सर सोशल मीडिया पर रहते हैं, उनके अवसाद से पीड़ित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि इस बात पर ध्यान दिया जाए कि आखिर स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बच्चों में डिप्रेशन की समस्या क्यों बढ़ती जा रही है।

स्मार्टफोन की वजह से बच्चों में बढ़ते डिप्रेशन के बारे में जानने के लिए हमने अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रितुपर्णा घोष से बात की।

बच्चों में बढ़ रहा स्मार्टफोन का चलन

स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल ने लोगों को कई तरह के लाभ और सुविधाएं मुहैया कराई हैं। हालांकि, इस तकनीक का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से इन दिनों बच्चों में कई तरह की परेशानियां देखने को मिल रही हैं, जिनमें विशेष रूप से डिप्रेशन से जुड़ी समस्याएं हैं। ऐसे में स्मार्टफोन के उपयोग और बच्चों में डिप्रेशन के लक्षणों के बीच संभावित लिंक को समझना बेहद महत्वपूर्ण है।

डिप्रेशन की वजह बनता है स्मार्टफोन

कई अध्ययनों में स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल और बच्चों में डिप्रेशन की बढ़ती दरों के बीच संबंध देखने को मिला है। अत्यधिक स्मार्टफोन के उपयोग से सामाजिक अलगाव, खराब स्लीप पैटर्न, शारीरिक गतिविधि में कमी आती है। इसके अलावा बच्चे आमने-सामने बात करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं। ये कारक, साइबरबुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न के जोखिम के साथ मिलकर, डिप्रेशन के लक्षणों के बढ़ावा देते हैं।

स्मार्टफोन और डिप्रेशन के बीच की कड़ी

स्मार्टफोन के उपयोग और डिप्रेशन के बीच की कड़ी में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक नींद के पैटर्न पर नकारात्मक प्रभाव है। स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों की स्लीप साइकिल में बाधा डाल सकती है, जिससे नींद आने और आराम की नींद लेने में कठिनाई होती है। अपर्याप्त नींद बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन का बढ़ना और चिढ़चिढ़ाहट पैदा करने की एक बड़ी वजह है।

स्मार्टफोन के इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स

इसके अलावा, स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से आमने-सामने के सोशल कॉन्टेक्ट में कमी आ सकती है। बच्चे आभासी संबंधों में अधिक लीन हो सकते हैं और वास्तविक दुनिया के साथ कम समय व्यतीत कर सकते हैं, जो स्वस्थ सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। सार्थक सामाजिक संबंधों की यह कमी अकेलेपन, सामाजिक अलगाव और अंततः डिप्रेशन के लक्षणों की भावनाओं में योगदान कर सकती है।

ऐसे करें इससे बचाव

ऐसे में बच्चों में स्मार्टफोन से संबंधित डिप्रेशन के मुद्दे का समाधान करना काफी महत्वपूर्ण है। डिप्रेशन के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने से समय पर इन्हें रोकने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, बच्चों के साथ खुले संचार को बढ़ावा देने और सहायक वातावरण प्रदान करने से उन्हें स्मार्टफोन के उपयोग की वजह से होने वाली समस्याएं और डिप्रेशन के लक्षणों के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।


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