Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अर्थराइटिस (Arthritis)

अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में सूजन की समस्या और दर्द होता है। यह शरीर में एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी में घुटना और कूल्हे की हड्डियां ज्यादा प्रभावित होती हैं।

By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Sat, 13 May 2023 09:29 AM (IST)
Hero Image
Arthritis: जानिए, क्या है अर्थराइटिस और बचाव के तरीके

गठिया (अर्थराइटिस) यानी जोड़ों का दर्द। गठिया के मरीजों को घुटनों, एड़ियों, पीठ, कलाई या गर्दन के जोड़ों में काफी दर्द होता है। हालांकि उम्र बढ़ने पर लोग इस बीमारी के शिकार होते हैं, लेकिन आजकल गलत खानापान और बदलती लाइफस्टाइल के कारण युवा भी गठिया के चपेट में आ रहे हैं। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं, इस बीमारी के बारे में...

अर्थराइटिस क्या है?

अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में सूजन की समस्या और दर्द होता है। यह शरीर में एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी में घुटना और कूल्हे की हड्डियां ज्यादा प्रभावित होती हैं। बढ़ते वजन के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। गठिया के मरीजों को हाथ-पैर हिलाते वक्त भी दर्द का सामना करना पड़ता है।

अर्थराइटिस के प्रकार

ऑस्टियोआर्थराइटिस

उम्र बढ़ने पर आप ऑस्टियोआर्थराइटिस के शिकार हो सकते हैं। यह जोड़ों की चोट या मोटापे से भी हो सकता है। इससे घुटने, कूल्हे, पैर और रीढ़ सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

लक्षण

- ज्वाइंट में तेज दर्द और अकड़न महसूस करना।

- कपड़े पहनने में परेशानी, झुकने- बैठने या सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होना।

- चलने पर दर्द होना।

रूमेटाइड आर्थराइटिस

एक्सपर्ट के अनुसार, रूमेटाइड आर्थराइटिस में इम्यून सिस्टम शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या देखने को मिलती है।

लक्षण

- हाथों, कलाइयों, कोहनी, कंधों, घुटनों, टखनों, पैरों, जबड़े और गर्दन में दर्द, अकड़न और सूजन। रुमेटाइड गठिया आमतौर पर कई जोड़ों को प्रभावित करता है।

- एक्सपर्ट के अनुसार, जब आपके बाएं हाथ के पोर में सूजन होती है, तो आपके दाहिने हाथ के पोर में भी सूजन हो सकती है। कुछ समय बाद जोड़ों में गर्माहट, दर्द या सूजन भी महसूस हो सकता है।

- थकान भी महसूस कर सकते हैं।

सोरियाटिक आर्थराइटिस

यह गठिया आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन कई बार यह बीमारी बच्चों को भी हो सकती है।

लक्षण

इसके लक्षण आमतौर पर त्वचा पर पहले दिखाई देते हैं।

सोरियाटिक आर्थराइटिस में रीढ़ या पैरों के जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।

गाउट

गाउट गठिया का एक जटिल रूप हो सकता है। ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण यह बीमारी हो सकती है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं। यह मुख्य रूप से शरीर में हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करते हैं।

अगर गाउट का इलाज लंबे समय तक नहीं किया जाता है,तो यह आपके जोड़ों और किडनी को प्रभावित कर सकता है।

ल्यूपस

ल्यूपस को एसएलई या सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस भी कहा जाता है। यह आपके जोड़ों और शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी आमतौर पर 15-44 साल की उम्र के लोगों को हो सकता है।

लक्षण-

जोड़ों में सूजन, थकान।

सिर दर्द।

पैरों, हाथों या आंखों के आसपास सूजन।

गालों पर चकत्ते निकलना।

मुंह के छाले।

बालों का झड़ना।

एनीमिया की समस्या।

सीने में दर्द।

अर्थराइटिस से बचाव के तरीके

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण है तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। इलाज के दौरान ब्लड टेस्ट, हाथों और पैरों का एक्स-रे आदि किया जा सकता है। शामिल हैं। इन टेस्ट के रिपोर्ट से पता चलेगा कि इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस है या नहीं। अगर आपको यह गठिया है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए बेहतरीन उपचार हैं।

लोगों को अक्सर यह गलतफहमी होती है कि अर्थराइटिस का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, आजकल कई उपचार उपलब्ध हैं। इसलिए, अगर आपको सूजन संबंधी गठिया है, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। उचित उपचार और दवाओं के साथ, आप भी आम लोगों की तरह जी सकते हैं।

दवा का प्रिस्क्रिप्शन आपके गठिया के स्तर पर निर्भर करता है। जिस तरह एक बार ब्लड शुगर टेस्ट जरूरी होता है उसी तरह तीन महीने में अपने अर्थराइटिस की स्थिति की जांच के लिए भी ब्लड टेस्ट कराना जरूरी होता है। अगर आप इस बीमारी का सही समय पर इलाज नहीं कराते हैं, तो इस स्थिति में घुटने और अन्य जोड़े प्रभावित हो सकते हैं। यहां तक की घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी से भी गुजरना पड़ सकता है। लेकिन आप इस बीमारी की शुरुआत में ही इसे कंट्रोल कर सकते हैं।

इन टिप्स की मदद से गठिया के दर्द से पाएं राहत

- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

- ओमेगा-3, कैल्शियम और विटामिन-डी से रिच फूड्स का रोज सेवन करें।

- अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो, डाइट में फिश शामिल कर सकते हैं।

- वेजिटेरियन लोग नट्स, पनीर और एक मौसमी फलों का सेवन करें। 

- जोड़ों में दर्द, सूजन या चलते समय कठिनाई होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।