What Is COPD: फेफड़ों का गंभीर रोग है सोओपीडी, जाने लें इसके लक्षण और कारण
What Is COPD सीओपीडी को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज कहते हैं जो अस्थमा से कहीं ज़्यादा गंभीर बीमारी है। सीओपीडी दुनियाभर में बड़ी ही तेज़ी से फैल रही है इसलिए इसके बारे में जानना बेहद ज़रूरी हो गया है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:13 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। What Is COPD: हमें यकीन है कि आप ये ज़रूर जानते होंगे कि अस्थमा किस तरह की बीमारी है, लेकिन ऐसे कम हैं जो COPD के बारे में जानकारी रखते हैं। यहां तक कि कई ऐसे भी लोग हैं, जो अस्थमा और सीओपीडी को एक ही बीमारी समझ लेते हैं, क्योंकि इन दोनों के ही लक्षण एक जैसे होते हैं। इन दोनों समस्याओं में खांसी, कफ और सांस लेने में दिक्कत जैसे आम लक्षण होते हैं। हालांकि, ये दोनों ही रोग एक दूसरे से काफी अलग हैं।
सीओपीडी को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ कहते हैं, जो अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर बीमारी है। सीओपीडी दुनियाभर में बड़ी ही तेज़ी से लोगों को अपना शिकार बना रही है, इसलिए सीओपीडी के बारे में जानना बेहद ज़रूरी हो गया है। क्या है सीओपीडी
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ फेफड़ों से जुड़ा एक ऐसा रोग है, जिसमें मरीज़ को सांस लेने में काफी दिक्कत आती है। फेफड़े बहुत स्पॉन्जी होते हैं, जब हम सांस के ज़रिए हवा अंदर लेते हैं, तो ऑक्सिजन हमारे खून के अंदर मिल जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर चली जाती है, लेकिन सीओपीडी एक ऐसा रोग है जो इस प्रक्रिया को रोकता है। सीओपीडी के मरीज़ों को सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन उनके शरीर में पूरी तरह नहीं पहुंच पाती।
क्या हैं सीओपीडी के लक्षण
सीओपीडी रोग में मरीज़ को सांस लेने में परेशानी होना, गहरी सांस लेना, सांस लेने के लिए सीने की मांसपेशियों और गर्दन का प्रयोग करना, कफ, खांसी, जुकाम, सीने में जकड़न, वज़न कम होना, दिल से जुड़ी समस्याएं, फेफड़ों का कैंसर आदि लक्षण देखे जा सकते हैं। ये लक्षण लंबे समय तक चलते हैं और समय के साथ-साथ मरीज़ की हालत भी बिगड़ती जाती है।
क्यों होता है सीओपीडी सीओपीडी रोग का एक सबसे बड़ा कारण है प्रदूषण। गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ और उनसे निकलने वाली ज़हरीली गैस हमारे फेफड़ों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है। यहां तक कि गांव या कस्बों में लकड़ी और उपलों से चूल्हा जलाकर खाना पकाया जाता है, ये धुंआ भी उतनी ही हानीकारक होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, धूल, मिट्टी, डस्ट सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर फेफड़ों को गहरा नुकसान पहुंचाते हैं। इनके अलावा धूम्रपान की लत भी इस रोग का कारण होती है। कई लोग जो चेन स्मोकर होते हैं, बीड़ी या हुक्का पीते हैं, उनमें भी सीओपीडी होने के सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।