Cyberchondria: हर प्रॉब्लम के लिए ले रहे हैं गूगल डॉक्टर का सहारा, तो हो सकता है ये आपकी सेहत के लिए खतरनाक
Cyberchondria सेहत की छोटी-मोटी समस्याओं को लेकर इंटरनेट पर लगातार सर्च करना भी एक तरह की बीमारी की वजह बन सकता है। इससे आपको बेवजह का तनाव हो सकता है जिसे मेडिकल साइंस में साइबरकॉन्ड्रिया (cyberchondria) कहा जाता है। जानेंगे आज इसके बारे में।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cyberchondria Problem: पैरों में हल्का-सा दर्द हो या सुबह सोकर उठने के बाद गर्दन में अकड़न, कारणों का पता लगाने के बजाय आजकल लोग तुरंत इंटरनेट पर अपनी इस प्रॉब्लम का किसी बीमारी से तो नहीं कनेक्शन, ये ढूंढ़ना शुरू कर देते हैं। कुछ एक लक्षण मिल जाएं, तो लोग इसे पुख्ता मानकर टेंशन में आ जाते हैं और कुछ लोग तो खुद से ही अपना इलाज भी शुरू कर लेते हैं। जो कई बार फायदे की जगह नुकसानदेह साबित होती है। साइकोलॉजिस्ट बताते हैं कि हर स्वास्थ्य समस्या के लिए गूगल सर्च करना हमें तनावग्रस्त बना सकता है।
कैसे हो सकते हैं साइबरकॉन्ड्रिया की शिकार?
सर्च इंजन के जरिए आज हमें हमारी जरूरत की लगभग हर जानकारी मिल जाती है, इसलिए लोग अब सेल्फ डायग्नोसिस करने लगे हैं। हल्का-सा सिरदर्द हुआ नहीं कि वो तुरंत इसे सर्च करने लग जाते हैं। इंटरनेट सामान्य सिरदर्द से लेकर ब्रेन ट्यूमर तक की सारी डिटेल्स आपको दे देता है, जिसे पढ़ने के बाद आपका ये सिरदर्द और ज्यादा बढ़ सकता है और स्ट्रेस, एंग्जाइटी की वजह बन सकता है। इसे ही साइबरकॉन्ड्रिया (Cyberchondria) कहा गया है।
कैसे कर सकते हैं इस बीमारी का इलाज?
इस बीमारी का इलाज हमारे खुद के हाथों में है। सेहत से जुड़ी कोई समस्या हो, तो बजाय इंटरनेट के डॉक्टर के पास जाएं। सर्दी-जुकाम, पेट दर्द ये मामूली समस्याएं हैं, जो बदलते सीज़न और खानपान की गलतियों की वजह से भी हो सकते हैं, तो इन्हें लेकर बहुत ज्यादा परेशान न हो और गूगल सर्च तो बिल्कुल भी न करें, वरना एक अच्छी-खासी लिस्ट तैयार हो जाएगी बीमारियों की। हां, अगर ज्यादा दिनों तक कोई समस्या बनी रही, तो फिर डॉक्टर से कंसल्ट करें। खुद से किसी भी बीमारी का इलाज न शुरू कर दें।
इन बातों का ध्यान रखकर साइबरकॉन्ड्रिया से आसानी से निपट सकते हैं।
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