Dengue & Malaria: दिल्ली में फिर बढ़ रहे डेंगू और मलेरिया के मामले, जानें इनके लक्षणों में क्या है अंतर
Dengue Malaria बारिश का मौसम बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है जिसे बीमारी का मौसम भी कहा जाता है। ऐसे में खुद और अपने परिवार को सेहतमंद रखने के लिए कुछ एक्स्ट्रा एफर्ट्स डालना बेहद जरूरी हो जाता है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है जिसकी वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा भी रहता है। आइये जानते हैं इनके बारे में विस्तार से
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Thu, 22 Jun 2023 03:06 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dengue & Malaria: मानसून का सीजन गर्मी से राहत तो दिलाता ही है, लेकिन साथ ही कई तरह की चिंताएं भी बढ़ाता है। इस दौरान वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम के अलावा डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों का डर भी मंडराने लगता है। यही वजह है कि बरसात के मौसम को बीमारियों का मौसम भी कहा जाता है। इस दौरान बीमारी के लक्षणों को हल्के में लेने की गलती न करें और फौरन डॉक्टर से जांच करवाएं। इस आर्टिकल में आज हम डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, ताकि आप इन्हें वक्त रहते पहचान सकें और समय पर इलाज शुरू हो सकें।
डेंगू और मलेरिया
डेंगू और मलेरिया दोनों ही ऐसी बीमारियां हैं जिनका डर भारत में हर साल रहता है। ये दोनों मच्छरों के काटने से फैलती हैं। ऐसे में इनके शुरुआती लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी होना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इन बीमारियों की टेस्टिंग बढ़ाने, इनके फैलने की गतिविधि पर बेहतर डेटा इकट्ठा करने और ग्रामीण स्तर पर देखभाल करने की बेहद जरूरत है।
हालांकि, अभी भी भारी संख्या में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो डेंगू और मलेरिया को आज भी एक ही तरह की बीमारी मानते हैं। यह दोनों भले ही मच्छरों से फैलती हैं लेकिन शरीर को अलग-अलग तरह से बीमार करती हैं। आइये जानते हैं कि डेंगू और मलेरिया क्या है और इनके बीच के अंतर को आप कैसे समझ सकते हैं।
डेंगू क्या है?
डेंगू एक तरह का वायरल संक्रमण है, जिसके चार अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं। यह एक संक्रमित एडीज एजिप्टि मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी में मरीज की हड्डियों में बेहद दर्द होता है, इसलिए इसे ब्रेक बोन फीवर भी कहा जाता है। यह मच्छरों के जरिये इंसानों में फैलता है। जब किसी डेंगू मरीज को मच्छर काटता है, तो वायरस उसकी आंतों में पहुंच जाता है और वहां उसका म्यूटेशन होने लगता है। अधिक संख्या हो जाने पर वायरस उसकी सलायवरी ग्लैंड यानी लार में आ जाता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह भी डेंगू संक्रमित हो जाता है। यानी डेंगू एक मरीज से मच्छर में और फिर मच्छर से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है।
मलेरिया क्या है?
मलेरिया, दरअसल एक प्रकार के परजीवी प्लाज्मोडियम से होने वाली बीमारी है। यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटती है, तो संक्रमण फैलने से उसे मलेरिया हो जाता है। एनाफिलीज मच्छर के काटने से प्लाज्मोडियम नामक पैरासाइट आपके ब्लड में पहुंच जाता है और बॉडी की लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है। यह मच्छर ज्यादातर नम और पानी वाली जगहों पर पाया जाता है। इसलिए मच्छर से बचाव के लिए घर के आसपास सफाई और पानी जमा न होने देने की बात कही जाती है। लापरवाही या सही इलाज न होने पर मलेरिया जानलेवा भी साबित हो सकता है।डेंगू के लक्षण |
मलेरिया के लक्षण |
अचानक बुखार आना | बुखार |
सिर दर्द | ठंड लगना |
आंखों में जलन | उल्टी करना |
भूख में कमी | सूखी खांसी |
मसूड़ों से खून बहना | पसीना आना |
ऊपरी और निचले अंगों पर रैशेज | बेहोशी |
डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए क्या करें?
- मच्छरों से बचने के लिए आप स्किन पर रिपेलेंट लोशन या स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बारिश का मौसम आते ही लंबी बाजू और पुल पैन्ट्स जैसे कपड़े ही पहनें। त्वचा को जितना ढक कर रख सकते हैं रखें, खासकर शाम के समय।
- बारिश के मौसम में पानी में तेजी से मच्छर पनपते हैं। इसलिए गमलों, कूलर और घर के आसपास किसी भी तरह पानी जमा न होने दें।
- मच्छरों को अपने घर में आने से रोकने के लिए खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं।
- अगर डेंगू या मलेरिया जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं।
- घर के कोनों में मच्छरों को भगाने वाले स्प्रे, कॉइल या किसी भी तरह के रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए क्या न करें?
- डेंगू या मलेरिया जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर इसे गंभीरता से लें और खुद से कोई भी दवा न लें।
- शाम के वक्त मच्छरों का आक्रमण चरम पर होता है इसलिए कोशिश करें कि इस दौरान घर से बाहर न निकलें।
- घर में रखे डेकोरेशन की चीजों में या फिर फूलदान में पानी जमा न होने दें। अगर कूलर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसे समय समय पर बदलते रहें, ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले।
- ऐसे समय बाहर कम निकलें जब मच्छरों का आक्रमण सबसे ज्यादा होता है।