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हर वक्त फोन से चिपके रहने की आदत बन सकती है Digital Dementia की वजह, 20 से 40 उम्र वालों को ज्यादा खतरा

फोन अब सिर्फ बात करने भर का जरिया नहीं रह गया है बल्कि इससे आप शॉपिंग बैंकिंग पढ़ाई जैसी कई और दूसरे काम भी निपटा सकते हैं। ऐसी ही सुविधाओं के चलते लोग फोन के आदि बनते जा रहे हैं। इसकी लत ने लोगों को आलसी और भुलक्कड़ बना दिया है। कम उम्र में भूलने की इस समस्या को डिजिटल डिमेंशिया का नाम दिया जा रहा है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 14 Aug 2024 08:20 AM (IST)
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डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण व बचाव (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। फोन डिजिटल क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि है। फोन के जरिए आज हम और आप बिना किसी रूकावट घंटों फोन पर बात कर पाते हैं। सिर्फ बातचीत को ही नहीं, फोन ने पढ़ाई, बैंकिंग, शॉपिंग जैसी चीजों को भी आसान हो गई हैं और इसी वजह से लोग इस पर बहुत ज्यादा डिपेंड हो गए हैं। जागते, खाते-पीते, उठते- बैठते हर वक्त आंखें फोन पर ही टिकाए रहते हैं। फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल और उस पर निर्भरता के चलते लोग डिजिटल डिमेंशिया का शिकार हो रहे हैं।

क्या है डिजिटल डिमेंशिया (Digital Dementia)?

कभी काम, तो कभी सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग, कभी मूवी, तो कभी गेम....वजह कोई भी हो, घंटों फोन पर लगे रहना फिजिकल और मेंटल दोनों ही हेल्थ के लिए बहुत ही खराब आदत है। इससे दिमाग के काम करने की क्षमता कम होने लगती है। इसे ही एक्सपर्ट्स डिजिटल डिमेंशिया का नाम दे रहे हैं।

डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण

  • कनफ्यूजन
  • छोटी- छोटी बातें भूलना
  • फोकस में कमी
  • थकान
  • ब्रेन फॉग

20 से 40 साल की उम्र वालों को है ज्यादा खतरा

डिजिटल डिमेंशिया के ये सारे लक्षण आजकल युवाओं और व्यस्कों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। जिस वजह से उनका रूटीन प्रभावित हो रहा है। काम और पढ़ाई में मन नहीं लग रहा। जिन चीजों को पहले आसानी से हैंडल कर लेते थे। अब उन चीजों को करने में उन्हेंं वक्त लग भी रहा है और वो सही तरीके से भी नहीं कर पा रहे हैं।

डिजिटल डिमेंशिया से बचने के उपाय

1. फोन के इस्तेमाल का टाइम फिक्स करें

फोन के इस्तेमाल के लिए एक टाइम सेट कर लें। इससे इसकी लत से बचे रहेंगे और दूसरी चीजों के लिए भी वक्त निकाल पाएंगे।

2. फिटनेस पर ध्यान दें

रोजाना कुछ देर एक्सरसाइज करें। योग, ध्यान और वॉक जैसी एक्टिविटीज बॉडी एंड माइंड दोनों को फिट रखती हैं।

3. ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन एक्टिविटीज करें

किताबें पढ़ें, नई-नई चीजें सीखें, पहेलियां बुझाएं। इससे दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है।

4. लोगों से मिले- जुलें

फोन से थोड़ा ब्रेक लेकर दोस्तों, फैमिली के साथ वक्त बिताएं। इससे भी दिमाग शांत और रिलैक्स होता है। 

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5. अच्छी डाइट लें

विटामिन और मिनरल्स से भरपूर डाइट लें। ब्रेन को हेल्दी और एक्टिव रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई और बी 12 जरूरी हैं।

6. नींद पूरी करें

स्वस्थ शरीर के लिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है। इससे दिमाग रिलैक्स रहता है और उसके काम करने की क्षमता भी बढ़ती है।   

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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।