Muscle Pain: ट्रैकिंग या हाइकिंग के बाद न हो जाए पैरों की हालत बुरी, इसके लिए पहले से कर लें ये तैयारी
पहाड़ या सीढ़ियां चढ़ने के बाद पैरों में भयंकर दर्द होता। खासतौर से उन लोगों को जो पहली बार इस एक्टिविटी को ट्राई करते हैं। थाइज़ से लेकर पिंडलियों में होने वाले इस दर्द से चलना-बैठना तक दूभर हो जाता है। इससे राहत पाने के लिए लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं। इससे बचने के लिए पहले से कर लें कुछ तैयारियां।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रैकिंग एक अलग तरह का एडवेंचर है, जिसमें आपको प्रकृति के करीब जाने और नई यादें बनाने का मौका मिलता है, लेकिन जहां कुछ लोगों इस एक्टिविटी के दौरान जिंदगी भर की यादें लेकर लौटते हैं, तो वहीं कुछ लोग मसल्स पेन और घुटनों में दर्द लेकर।
पहाड़ या सीढ़ियां चढ़ते वक्त पैरों में इतना तेज दर्द होता कि इससे चलना-बैठना तक दूभर हो जाता है। दवाइयां खाने और तेल-मालिश के बाद ही कुछ आराम मिलता है, लेकिन इस दर्द से मन में ऐसा डर बैठ जाता है कि अगली बार ऐसे एडवेंचर को ट्राई करने से पहले चार बार सोचना पड़ता है। इस तरह की एक्टिविटी में सबसे ज्यादा दर्द जांघों में होता है। इसलिए बहुत जरूरी है इस तरह के एडवेंचर पर जाने से पहले कुछ जरूरी तैयारियां कर लेना। जान लें यहां इसके बारे में।
मांसपेशियों में दर्द की वजह
पहाड़ पर चढ़ने और फिर उतरने के दौरान घुटनों पर दो से तीन गुना ज्यादा प्रेशर पड़ता है। जिस वजह से सिर्फ घुटने ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में भी दर्द होता है। इसके अलावा सही जूते न पहनने, बहुत भारी वजन लेकर चलने, खराब तरीके से चलने की वजह से भी ये प्रॉब्लम हो सकती है।मांसपेशियों में दर्द को कम करने के तरीके
हाइड्रेटेड रहें
लंबी और ऊंची जगहों पर पैदल यात्रा करके आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं। खासतौर से तक जब आप बीच बीच में कैफीन का सेवन करें। इससे मांसपेशी में और घुटनों में दर्द बढ़ सकता है। इसलिए यात्रा के दौरान अच्छी मात्रा में पानी पीते रहें।
प्रोटीन का सेवन करें
ट्रैकिंग, हाइकिंग का प्लान है, तो कार्बोहाइड्रेट नहीं, बल्कि डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। एक तो इससे बॉडी को एनर्जी मिलती है। चढ़ाई के दौरान बार-बार भूख नहीं लगती और सबसे जरूरी मसल्स पेन की प्रॉब्लम नहीं होती।ट्रैकिंग करें सपोर्ट के साथ
आपने नोटिस किया होगा, ट्रैकिंग या हाइकिंग के दौरान स्थानीय लोग डंडों का इस्तेमाल करते हैं, तो ये एक अच्छा तरीका है मसल्स पेन और इंजुरी से बचने का।