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Influenza: इस वायरस की वजह से होता है फ्लू, जानें कॉमन कोल्ड और कोरोना से कैसे अलग है इन्फ्लूएंजा

Influenza बीते कुछ दिनों से जापान में इन्फ्लूएंजा (Influenza in Japan) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यहां बढ़ते फ्लू (Japan Flu) के मामलों में लोगों को चिंता में डाल दिया है। यह सर्दियों में होने वाली एक आम बीमारी है। ऐसे में जानते हैं इसके बारे में वह सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 20 Dec 2023 05:14 PM (IST)
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जानें कैसे और क्यों होता है इन्फ्लूएंजा
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पूरे साल कई तरह की बीमारियां देश-विदेश में लोगों के लिए चिंता का विषय बनी रही है। एक तरफ जहां बीते कुछ महीनों से चीन में रहस्यमयी निमोनिया का कहर जारी है, तो वहीं कोरोना के नए सब-वेरिएंट से सभी को चिंता में डाल दिया है। इसी बीच जापान बीते कई दिनों से इन्फ्लूएंजा (Influenza in Japan) बीमारी से संघर्ष कर रहा है। यहां इस बीमारी से मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह चिंता का विषय इसलिए भी बना हुआ है, क्योंकि यहां पर इन्फ्लूएंजा (Influenza) मरीजों की औसत संख्या 10 साल में सबसे तेज गति से बढ़ रही है।

इन्फ्लूएंजा एक मौसमी बीमारी है, जो अक्सर साल में दो बार लोगों को अपना शिकार बनाती है। भारत में मुख्य रूप से इसके मामले जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद के मौसम में ज्यादा देखने को मिलते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे इन्फ्लूएंजा से जुड़ी वह सभी बातें, जो आपके लिए जानना जरूरी है और साथ ही जानेंगे कैसे एक-दूसरे से अलग है कॉमन फ्लू, इन्फ्लूएंजा और कोविड-19ः

इन्फ्लूएंजा क्या है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक इन्फ्लूएंजा, जिसे आमतौर पर फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में आम है और ज्यादातर लोग बिना उपचार के ही इससे ठीक हो जाते हैं। इन्फ्लूएंजा लोगों के खांसने या छींकने पर आसानी से फैल सकता है। टीकाकरण इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

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इन्फ्लूएंजा के लक्षण क्या है?

फ्लू के लक्षण आमतौर पर जल्दी सामने आते हैं और इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • शरीर में दर्द
  • खांसी
  • सिरदर्द
  • गला खराब होना
  • नाक बहना
  • थकान या कमजोरी महसूस होना
  • दस्त या उल्टी (आमतौर पर केवल बच्चों में)

क्या है फ्लू का कारण?

क्लीवलैंड क्लिनिक की मानें तो यह संक्रमण आमतौर पर इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है। यही कारण है कि इसे फ्लू के अलावा इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। इन्फ्लुएंजा ए, बी और सी, इस वायरस के सबसे आम प्रकार हैं, जो लोगों को संक्रमित करते हैं। इनमें से इन्फ्लुएंजा ए और बी मौसमी हैं, जो ज्यादातर लोगों को यह सर्दियों में होता है और इनके लक्षण भी गंभीर होते हैं। वहीं, इन्फ्लुएंजा सी से गंभीर लक्षण पैदा नहीं होते हैं और यह मौसमी नहीं है।

क्या फ्लू संक्रामक होता है?

जी हां, फ्लू संक्रामक होता है, यानी कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हर एक व्यक्ति एक से दो अन्य लोगों में फ्लू फैला सकते हैं।

कैसे फैलता है फ्लू?

इन्फ्लूएंजा वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। फ्लू फैलने के सामान्य तरीकों में निम्न शामिल हैं:-

  • आसपास के किसी व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से, बूंदें या तो आपके हाथों पर आ सकती हैं या हवा के माध्यम से आपकी नाक या मुंह में जा सकती हैं। इसके बाद फ्लू आपके फेफड़ों में चला जाता है।
  • फ्लू वायरस से दूषित सतह को छूने और उसी हाथ से फिर अपने चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को छूने से फैलता है। इन सतहों में दरवाजे के नॉब, डेस्क, कंप्यूटर और फोन जैसी चीजें शामिल हैं।
  • फ्लू से पीड़ित किसी व्यक्ति के हाथ या चेहरे को छूने के बाद अपने हाथों से अपने चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को छूने से भी संक्रमण फैलता है।

एक्सपोजर के कितने समय बाद मुझे फ्लू हो जाता है?

अगर आप संक्रमित हैं, तो आपको आमतौर पर एक्सपोजर के एक से चार दिन बाद फ्लू के लक्षण दिखाई देने लगेंगे।

रिस्क फैक्टर्स

कुछ खास मेडिकल कंडीशन आपको फ्लू से होने वाली गंभीर बीमारी के हाई रिस्क में डाल सकती हैं। इसमें जानलेवा जोखिम तक शामिल हैं, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। आपको इस गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा है अगर आपको:-

  • डायबिटीज है
  • अस्थमा, सीओपीडी या फेफड़ों की किसी अन्य पुरानी बीमारी है।
  • स्ट्रोक सहित किडनी, लीवर, न्यूरोलॉजिकल, हार्ट या ब्लड वेसल्स की बीमारी का इतिहास हो।
  • ऐसी स्थिति हो जिसके कारण मांसपेशियों की कार्यप्रणाली में समस्या हो या आपके एयरवेज से खांसी, निगलने या तरल पदार्थ साफ करना मुश्किल हो जाए।
  • कमजोर इम्युनिटी है (एचआईवी/एड्स, कैंसर की वजह से)।
  • सिकल सेल रोग जैसा कोई ब्लड डिसऑर्डर है।
  • बीएमआई 40 से अधिक है
  • 5 वर्ष से कम या 65 वर्ष से ज्यादा उम्र है।
  • गर्भवती हैं
  • 19 वर्ष से कम उम्र के हैं और नियमित रूप से एस्पिरिन लेते हैं।

फ्लू और सामान्य सर्दी में क्या अंतर है?

फ्लू और सामान्य सर्दी के लक्षण जैसे नाक बहना और खांसी समान हो सकते हैं, इसलिए इन्हें पहचान पाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, सर्दी के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और फ्लू के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकते हैं। विभिन्न वायरस सर्दी और फ्लू का कारण बनते हैं।

फ्लू है या कोविड-19 कैसे पहचानें?

चूंकि इन दोनों के ही लक्षण समान हैं, इसलिए इसकी पहचान करने का एकमात्र तरीका है कोरोना की जांच कराना। दोनों ही गंभीर बीमारी का खतरा है, लेकिन अलग-अलग वायरस इन संक्रमणों का कारण बनते हैं और इनका इलाज भी अलग-अलग दवाओं से किया जाता है।

फ्लू का इलाज कैसे किया जाता है?

फ्लू का इलाज करने के लिए कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर्स एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। एंटीवायरल दवाएं आपकी गंभीर बीमारी के जोखिम को कम कर सकती हैं और आपके बीमार होने के समय को कम कर सकती हैं। हालांकि, बहुत से लोग बिना दवाओं के भी फ्लू से ठीक हो जाते हैं।

फ्लू से कैसे करें बचाव?

हर साल फ्लू का टीका लगवाना इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है। यह वैक्सीन आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाएंगी, जिससे आपका इम्यून सिस्टम संक्रमण की पहचान कर आपको बीमार होने से बचा सकता है। इन्फ्लूएंजा वायरस हर साल थोड़ा-थोड़ा बदल जाता है, यही कारण है कि इसके लिए हर साल टीका लगवाने की जरूरत होती है। इसके अलावा आप निम्न बातों को ध्यान में रख फ्लू से बच सकते हैं-

  • अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं। अगर साबुन और पानी नहीं हैं, तो अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • छींकते या खांसते समय अपनी नाक और मुंह ढक लें। खुले हाथों की बजाय अपनी कोहनी या टिशू में खांसें या छींकें।
  • अगर आपके आसपास कोई फ्लू या अन्य संक्रामक रोग से पीड़ित है, तो उनके निकट संपर्क में आने से बचें
  • अगर आप बीमार हैं, तो दूसरों निकट जाने से बचें और खुद को कुछ समय के लिए आइसोलेट कर लें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और अगर जा रहे हैं, तो मास्क का इस्तेमाल करें।
  • अपने चेहरे, आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।
  • अपना खाना या खाने के बर्तन (कांटे, चम्मच, कप) दूसरों के साथ शेयर न करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिएहैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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