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Frozen Shoulder: कंधों का मामूली दर्द हो सकता है गंभीर! कहीं ये 'फ्रोजन शोल्डर' के लक्षण तो नहीं

Frozen Shoulder हम सभी अपनी लाइफ में इस कदर बिजी हो जाते हैं कि अपनी समस्याओं पर ध्यान देने का टाइम ही नहीं मिल पाता। दौड़-भाग वाली जिंदगी में हमें अपना ख्याल रखने की फुर्सत ही नहीं मिल पाती। हालांकि आराम की कमी और तनाव कई तरह की परेशानियों को जन्म देते हैं। जिसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाला दर्द भी शामिल है।

By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 02 Aug 2023 03:44 PM (IST)
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Frozen Shoulder: क्या होता है फ्रोजन शोल्डर, जानें कैसे होते हैं इसके लक्षण

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Frozen Shoulder: आज की भागती दौड़ती लाइफस्टाइल में न समय पर खाना हो पाता है और न ही सोना। हम बस लगातार कुछ न कुछ काम में लगे रहते हैं। ऐसे में कई बार बदन दर्द होना कोई आश्चर्य की बात नहीं होती। हालांकि, कमर या कंधे के दर्द को कभी भी मामूली नहीं समझना चाहिए। आज हम बता रहे हैं ऐसी ही एक समस्या के बारे में जिसे फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है।

क्या है फ्रोजन शोल्डर?

शोल्डर यानी कंधा तीन हड्डियों के मेल से बना एक जोड़ है, जो गर्दन को हाथ से जोड़ता है और रोज के कई तरह के कामों में हमारी मदद करता है। इसका इस्तेमाल हम दिन में अनगिनत बार करते हैं और अगर इस जोड़ में दर्द होने लगे तो सारे काम रुक से जाते हैं। सामान्य दर्द तो कई कारणों से हो सकता है, लेकिन जब ये दर्द अकड़न और जाम जैसा महसूस होने लगे तो संभव है कि यह फ्रोजन शोल्डर है। इसे एडहेसिव कैप्सुलिटिस भी कहते हैं। यह 40-60 साल की महिलायों में अधिक पाया जाता है।

क्यों होता है फ्रोजन शोल्डर

जब कंधे के जोड़ के आसपास के कनेक्टिव टिश्यू (जो एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का काम करते हैं) ठोस, संक्रमित और जाम हो जाते हैं, तो इससे कंधों को मूव करने में दर्द होने लगता है, जिसे फ्रोजन शोल्डर कहते हैं।

फ्रोजन शोल्डर के कारण क्या होते हैं

  • एक पोश्चर में लंबे समय तक बैठे रहना
  • किसी एक्सीडेंट के कारण हाथ न हिला पा रहे हों
  • किसी प्रकार के व्यायाम या शारीरिक गतिविधि का न होना
  • डायबिटीज
  • अनियंत्रित थायराइड

फ्रोजन शोल्डर का इलाज

सबसे पहले कंधे में अकड़न हो तो इसे नजरअंदाज न करें और किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से संपर्क करें। वे प्राथमिक परीक्षण करेंगे और आपके कंधों को दबा कर और घुमा कर दर्द के बिंदुओं का पता लगाएंगे। इसके बाद वे जरूरत अनुसार ब्लड टेस्ट, एक्सरे, एमआरआई आदि जैसे टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं।

दवाइयां: अगर दर्द एक शुरुआती चरण पर है, तो डॉक्टर इसे दर्द की दवाइयों से ठीक करने की कोशिश करेंगे।

स्ट्रेचिंग और व्यायाम: हल्के दर्द की स्थिति में डॉक्टर आपको कुछ विशेष प्रकार के स्ट्रेचिंग और व्यायाम करने की सलाह देंगे जिसे आसानी से आप घर बैठे कर सकें।

फिजियोथेरेपी: अगर दर्द थोड़ा ज्यादा है और मूवमेंट सीमित हो चुकी है, तो डॉक्टर आपको किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लेने की सलाह दे सकते हैं, जो मात्र फिजियोथेरेपी की मदद से आपके दर्द को ठीक करते हैं। हालांकि इसमें समय लग सकता है।

हीट एंड कोल्ड थेरेपी: अगर आपको ये दर्द किसी चोट लगने के कारण हो रहा है तो कोल्ड थेरेपी की सलाह दी जा सकती है और अगर यह दर्द लंबे समय से बना हुआ है तो आपको हीट थेरेपी की सलाह दी जा सकती है। यह डॉक्टर से जांच कराने के बाद ही निश्चित करें कि आपको कैसी थेरेपी लेनी है।

कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन: ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर लोकल एनेस्थिसिया देकर सीधा कंधों पर ही कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन लगाते हैं, जिससे दर्द से काफी राहत मिलती है।

हाइड्रोडियलेशन: तनी हुई कैप्सूल को स्ट्रेच करने के लिए स्पेशलिस्ट कंधों के जोड़ों में स्टेराइल फ्लूइड डालते हैं, जिससे जोड़ों में फैलाव हो, इनके जमाव टूट सकें और मूवमेंट बढ़े।

सर्जरी: अति गंभीर मामलों में सर्जरी, जिसे आर्थरोस्कोपी भी कहते हैं, करनी पड़ सकती है।

ऐसे तो फ्रोजन शोल्डर का दर्द एक दिन में नहीं जाता, लेकिन शुरुआत में ही ध्यान देने से सही कदम उठाए जा सकते हैं और जीवनशैली में बदलाव मात्र से ही इसे ठीक किया जा सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik