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प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक हो सकता है Gestational Hypertension, एक्सपर्ट से जानें इसे कैसे कर सकते हैं मैनेज

हाइपरटेंशन एक गंभीर समस्या है जो आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन की परेशानी को Gestational Hypertension कहा जाता है। इस कंडिशन को कंट्रोल न किया जाए तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए ही काफी खतरनाक साबित हो सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं जेस्टेशनल हाइपरटेंशन से कैसे बचाव किया जा सकता है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 17 May 2024 12:14 PM (IST)
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Gestational Hypertension से बचाव के लिए रखें इन बातों का ख्याल (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाइपरटेंशन एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में करोड़ों लोग पीड़ित हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 128 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हैं, लेकिन इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अपनी इस कंडिशन के बारे में पता भी नहीं है। इसके कारण Hypertension की समस्या गंभीर होती जाती है और कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए हर साल इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए World Hypertension Day मनाया जाता है।

हाइपरटेंशन उस स्थिति को कहते हैं, जब आपका ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या इससे ज्यादा हो। प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन की समस्या (Gestational Hypertension) को अनदेखा करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए हमने इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए Dr. (Col) Manjinder Sandhu (फॉर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख निदेशक) से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या बताया।

डॉ. संधु ने बताया कि प्रेग्नेंसी की वजह से होने वाले हाइपरटेंशन को Gestational Hypertension कहते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से होता है। आमतौर पर, प्रेग्नेंसी में 20 हफ्ते के बाद शुरू होता है और डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन अगर गर्भावस्था के दौरान इसका इलाज न किया जाए, तो यह प्रीएक्लेम्प्सिया की वजह भी बन सकता है, जो बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।

डॉ. संधु ने बताया कि Gestational Hypertension को मैनेज करने और इससे बचाव करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

  • नियमित प्रीनेटल जांच- प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित जांच कराना काफी जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं और ब्लड प्रेशर कितना है इसका ख्याल रखें। साथ ही, अपनी सेहत पर भी ध्यान दें।

Gestational Hypertension

(Picture Courtesy: Freepik)

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  • हेल्दी लाइफस्टाइल- संतुलित आहार खाएं, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। इसके अलावा, फिजिकली एक्टिव रहें और अपने डॉक्टर से पूछकर एक्सरसाइज करें। इससे हेल्दी वजन मेंटेन रहेगा, जो प्रेग्नेंसी में काफी जरूरी है और इसके बाद भी स्वस्थ रहने के लिए सही वजन होना जरूरी है।
  • ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक करें- अगर आपके साथ पहले हाइपरटेंशन की समस्या रही है, तो आपके डॉक्टर आपको नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करने की सलाह दे सकते हैं, ताकि अगर बीपी बढ़े, तो आप तुरंत उनसे संपर्क कर सकें। इसके अलावा, नियमित ब्लड प्रेशर की जांच इसलिए भी जरूरी है, ताकि अगर जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का रिस्क हो, तो उसका पता लगाया जा सके। इसके अलावा, रोज भरपूर मात्रा में पानी पीएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से भी ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है।
  • स्ट्रेस मैनेज करें- तनाव हाइपरटेंशन का बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। इसके लिए डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन या प्रीनेटल योग करें।
  • नमक सीमित मात्रा में खाएं- ज्यादा नमक खाने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसलिए खाने में नमक की मात्रा को कम करें।
  • दवाओं की मदद लें- प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवाओं की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही किसी भी दवा का सेवन करें। अगर आपके डॉक्टर को महसूस होता है कि यह कंडिशन काफी गंभीर होती जा रही है, तो वह आपको बेड रेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं।
  • फीटल हेल्थ मॉनिटर करें- जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की वजह से होने वाली किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए जरूरी है कि बच्चे के विकास को नियमित तौर से मॉनिटर किया जाए। इसके लिए डॉक्टर से मिलकर नियमित जांच करवाएं।
  • डिलीवरी- जेस्टेशनल हाइपरटेंशन आमतौर पर डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है। इसलिए अगर आपका बीपी ज्यादा बढ़ गया है या इससे कोई परेशानी होने का जोखिम है, तो आपके डॉक्टर कुछ मामलों में जल्दी लेबर इंड्यूस करने की सलाह भी दे सकते हैं।
  • जेस्टेशन हाइपरटेंशन को मैनेज करने के लिए यह काफी जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सभी सलाहों को मानें और हाइपरटेंशन का कोई भी लक्षण नजर आए, जैसे- सिरदर्द, धुंधला दिखना, एडीमा, पेट दर्द आदि, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें, क्योंकि इसके कारण प्रीएक्लेम्प्सिया या बीपी अधिक बढ़ने का खतरा रहता है।

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