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क्या है Heimlich Maneuver, जो बचा सकता है इमरजेंसी में आपके अपनों की जान

अक्सर जल्दबाजी में या किसी अन्य वजह से लोग खाना काफी जल्दी-जल्दी खाते हैं। ऐसे हड़बड़ी में खाना खाने की वजह से कई बार खाना सांस की नली में अटक जाता है जो एक बड़ी समस्या बन सकता है। यह कई बार जानलेवा तक साबित होता है। ऐसे में इस समस्या से बचने में हेमलिच मनेउवेर एक कारगर तकनीक है। आइए जानते हैं इसके बारे में-

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 30 Jan 2024 08:21 PM (IST)
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जानें क्या है हेमलिच मनेउवेर और कैसे काम करती है यह तकनीक
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आप मेडिकल फील्ड से हों या न हों, कुछ बेसिक फर्स्ट एड सभी को आना चाहिए। इससे आप कई इमरजेंसी परिस्थितियों में अपनों की जान भी बचा सकते हैं। जैसे गिरने पर बैंडएड लगाना सभी जानते हैं, उसी तरह गले में कुछ अटकने पर हेमलिच मनेउवेर भी सभी को आना चाहिए। अक्सर खाना खाते समय खाने का बड़ा टुकड़ा गले में अटक सकता है।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया भर में चोकिंग के कारण होने वाली मौत, बिना किसी उद्देश्य के होने वाली मौतों का चौथा मुख्य कारण है। ऐसे में अगर आपको हेमलिच मनेउवेर (Heimlich Maneuver) नाम की तकनीक की सही जानकारी है तो, आप आसानी से इस बड़ी समस्या को घर पर ही मैनेज कर सकते हैं।

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क्या है हेमलिच मनेउवेर?

खाना खाते समय खाने का टुकड़ा सांस लेने की नली में अटक सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं-जैसे हड़बड़ी में खाना, गर्म खाना खाना, बिना चबाए खाना, खाने के दौरान मुंह से सांस लेना आदि। इस कारण सांस की नली ब्लॉक हो जाती है, जिसे चोकिंग कहते हैं। इसे घर पर ही ठीक करने के लिए हेमलिच मनेउवेर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।

इस तकनीक को एबडोमिनल थ्रस्ट भी कहते हैं। यह डायफ्राम को ऊपर की तरफ धक्का देता है और फेफड़े में से हवा निकालता है। इससे बाहरी पदार्थ या फॉरेन बॉडी सांस के साथ झटके से बाहर निकल जाती है।

कैसे करें हेमलिच मनेउवेर ?

  • जिस व्यक्ति को चोकिंग की समस्या हुई हो, उसे खड़ा करने की कोशिश करें।
  • खड़ा करने के लिए किसी की मदद लें।
  • अब इस व्यक्ति के पीछे खड़े हो जाएं।
  • उसे आगे की तरफ झुकाएं और अपने हाथों से पांच बार उनकी पीठ पर झटका दें।
  • हाथों से मुट्ठी भींचे, अंगूठे अंदर की तरफ रखें और इसे व्यक्ति की नाभी से ऊपर रखें।
  • दूसरे हाथ से मुट्ठी को पकड़ें और इसी समय अंदर और बाहर की तरफ धक्का दें।
  • इसे एब्डॉमिनल थ्रस्ट कहते हैं।
  • कम से कम पांच बार इस प्रक्रिया को करें।
  • ऐसा तब तक करें जब तक अटकी हुई वस्तु बाहर न निकल जाए और पीड़ित व्यक्ति को जोर से खांसी न आ जाए या फिर वो अच्छे से सांस लेना न शुरू कर दे।
  • अगर व्यक्ति खड़ा होने में असमर्थ है, तो ये एब्डॉमिनल थ्रस्ट बैठे-बैठे ही देने की कोशिश करें।
  • छोटे बच्चों में इस तकनीक की प्रक्रिया में छोटे बदलाव किए जाते हैं। उन्हें अपने एक हाथ पर पेट के बल लेटा कर, अपने पैरों पर रख लें। फिर अपने हाथों से उनकी पीठ को झटके दें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik