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जापानी खानपान 'हारा हची बू' सिद्धांत को अपनाकर मोटापा ही नहीं कई बीमारियों से रह सकते हैं दूर

जापानी हारा हची बू सिद्धांत खानपान से जुड़ा है। जिसके द्वारा हेल्दी खानपान को बढ़ावा दिया जाता है। इस सिद्धांत को अपनाकर आप न सिर्फ मोटापे बल्कि कैंसर बैड कोलेस्ट्रॉल हार्ट से जुड़ी बीमारियों और डायबिटीज की गंभीरता से भी बचे रह सकते हैं। खाने से जुड़ी इस आदत को अपनाकर बढ़ती उम्र में भी सेहतमंद लाइफ जी सकते हैें।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 30 Jul 2024 04:29 PM (IST)
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जापानी सिद्धांत हारा हची बू (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 'हारा हची बू' खानपान से जुड़ी जापान का एक ऐसी प्रथा, जो बढ़ती उम्र में आपको फिट रखने का बेहतरीन फॉर्मूला है। ओकिनावा, जापान से उत्पन्न यह सदियों पुरानी अवधारणा है, जिसमें यह बताया गया है कि खाने के दौरान पेट को 80% तक ही भरना चाहिए। मतलब भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है, जिससे आप लंबी और हेल्दी जिंदगी जी पाते हैं। 

हारा हची बू को समझना

वाक्यांश "हारा हची बू" का मतलब है "जब तक आप 80% भर न जाएं तब तक खाएं।" यह एक आसान, लेकिन बेहद कारगर तरीका है सावधानीपूर्वक खाने और भूख नियंत्रण को कंट्रोल करने का। यह प्रथा ओकिनावान संस्कृति में विकसित हुई है। जहां के निवासियों की जीवन प्रत्याशा दुनिया में सबसे ज्यादा है। इस लंबी उम्र का श्रेय अक्सर उनकी डाइट और लाइफस्टाइल को दिया जाता है, जिसमें हारा हची बू महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

एक्सपर्ट्स भी मानते हैं इसके फायदे

आधुनिक विज्ञान खानपान के इस तरीके का समर्थन करता है। 80% पेट भरने पर रुककर, आप ओवरइटिंग से बच सकते हैं। हारा हाची बू का को फॉलो कर आप कई तरह के लाभ पा सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि यह मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कुछ खास तरह के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करके स्वस्थ उम्र बढ़ने को भी बढ़ावा देता है।

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कैसे शामिल करें इसे लाइफस्टाइल में?

सिमरत कथूरिया, द डाइट एक्सपर्ट की सीईओ और हेड डाइटीशियन का कहना है कि, 'हारा हची बू को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना आसान हो सकता है। अपनी भूख और पेट फुल होने के संकेतों के प्रति जागरूक रहना होगा। इसके लिए धीरे-धीरे खाएं, हर निवाले का स्वाद लें और खाने को चबा-चबाकर खाएं। सर्विंग के बीच थोड़ा ब्रेक भी लें। खाने के लिए छोटी प्लेट का इस्तेमाल करें।'

पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें, जिनमें कैलोरी कम होती है और विटामिन और खनिज अच्छी मात्रा में शामिल होते हैं। सब्जियां, फल, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज को खासतौर से डाइट में शामिल करें।  

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